












बीकानेर,राजस्थान की समृद्ध हस्तकला परंपरा को संरक्षित रखने और ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से बीकानेर की प्रतिष्ठित हस्तशिल्प संस्था क्राफ्टी बेली द्वारा एक विशेष हस्तकला एवं हथकरघा प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यशाला स्थानीय कारीगरों, महिलाओं एवं युवाओं के लिए आयोजित की गई, जिसमें पारंपरिक कढ़ाई, हथकरघा वस्त्र निर्माण और आधुनिक डिज़ाइन की तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यशाला का उद्देश्य केवल प्रशिक्षण देना ही नहीं, बल्कि बीकानेर की पारंपरिक कला को आधुनिक बाज़ार की मांग के अनुरूप विकसित करना भी रहा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों से आई महिलाओं ने भाग लिया, जिन्होंने कड़ी मेहनत और रुचि के साथ विभिन्न कलात्मक तकनीकों को सीखा।
क्राफ्टी बेली की यह पहल उसके संस्थापक स्वर्गीय श्री अब्दुल जब्बार मांगलिया के उस विज़न को आगे बढ़ाती है, जिसमें उन्होंने स्थानीय कारीगरों और महिलाओं को सम्मानजनक रोज़गार से जोड़ने का सपना देखा था। आज संस्था का संचालन मोहसिन खान द्वारा किया जा रहा है, जो इस विरासत को निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
कार्यशाला में क्राफ्टी बेली की फ़ैशन डिज़ाइनर श्रीमती निलोफ़र, ने प्रतिभागियों को पारंपरिक डिज़ाइनों के साथ-साथ नए प्रयोगों की जानकारी दी।
कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को हैंड एम्ब्रॉयडरी, मिरर वर्क, एप्लीक वर्क, कोटा डोरिया फैब्रिक, हस्तनिर्मित स्टोल, दुपट्टा और परिधान निर्माण जैसी तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही गुणवत्ता नियंत्रण, रंग संयोजन, डिज़ाइन चयन और फिनिशिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया। प्रशिक्षकों ने बताया कि आज के प्रतिस्पर्धी बाज़ार में पारंपरिक कला को जीवित रखने के लिए गुणवत्ता और नवाचार दोनों आवश्यक हैं।
कार्यशाला में भाग लेने वाली महिलाओं ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम उन्हें घर बैठे रोज़गार का अवसर प्रदान करते हैं। कई महिलाओं ने कहा कि क्राफ्टी बेली से जुड़ने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है और वे अपने परिवार के निर्णयों में भी सक्रिय भूमिका निभाने लगी हैं। यह कार्यशाला महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुई।
बीकानेर की हस्तकला केवल स्थानीय धरोहर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने की क्षमता रखती है। आवश्यकता है तो बस सही मार्गदर्शन, मंच और निरंतर प्रयास की। क्राफ्टी बेली इसी उद्देश्य के साथ वर्षों से काम कर रही है और आने वाले समय में ऐसे और भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है।
क्राफ्टी बेली द्वारा आयोजित यह हस्तकला कार्यशाला बीकानेर की पारंपरिक कला, महिला सशक्तिकरण और स्वदेशी सोच को मजबूत करने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश छोड़ती है।
