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बीकानेर,राजस्थान सरकार द्वारा गोचर भूमि में कब्जा धारियों को पट्टे जारी करने के निर्णय के विरोध में पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन धरना गोचर भूमि पर पूर्व सिंचाई मंत्री देवी सिंह भाटी के सानिध्य”एवं “मानव धर्म प्रचार सेवा संस्थान के संयोजन में”श्रीमद् भागवत सप्ताह भक्ति ज्ञान महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है।कथा प्रवक्ता बालसंत श्रीछैल विहारी जी महाराज द्वारा कथा स्थल “धरना स्थल सरेह नथानिया गोचर भूमि”पर देवीसिंह भाटी के सानिध्य मे भागवत कथा वाचन हो रहा है।कथा संयोजक सदग्रहस्थ संत मनुजी महाराज ने बताया,कि तीसरे दिन की भागवत पुजन बीठनोक निवासी तोलाराम चांडक मंजुदेवी चांडक दम्पति ने पं शास्त्री रविकुमार सारस्वत ने विधि-विधान से करवाया। तीसरे दिन की कथा का वाचन करते हुए बालसंतजी ने वराह अवतार, विराट स्वरूप, मनुशतरूपा संवाद,विदुर मेत्रैय मुनि संवाद,कर्दम देवहुति संवाद नवधा भक्ति भगवान कपिल अवतार सांख्य दर्शन आष्टांगयोग भक्त धुव्र के भक्ति आदि विभिन्न प्रसंग बताए।बालसंत श्रीछैल विहारी ने बताया कि मनुष्य देह को पाने के लिए सदैव देवता भी तरसते हैं।ऐसी मनुष्य देह पाकर “संसार की जङ गाय गोचर व दीन दुखियो व दुसरो के लिए कुछ करके जाएं, केवल अपने लिए जीना केवल पशुवत बुद्धिमात्र है”।बालसंत ने कहा कि निराश्रित विचरण कर रही गाय का गोचर संरक्षण हर जीव का संकल्प होना चाहिए। बालसंत ने कहा कि ईश्वर कृपा से पावन देह को पाकर सदैव जमीर को जिंदा रखें, एवं धर्म की राह पर चले सत्य पर चले।क्योंकि असत्य एवं स्वार्थ पर चलने वाले जीव के जीवन की नैया अक्सर डूब जाया करती है।बालसंत जी ने कहा कि “गाय गोचर संरक्षण से विमुख जीव का एवं असत्य एवं अधर्म की नाव पर सवार प्राणिमात्र का डूबना तय होता है”। धर्म की व्याख्या करते हुए बाल संत जी ने कहा। “कि धर्म न दूसर सत्य समाना” सत्य ही केवल ईश्वर है” समस्त कथा सेवा प्रभार हेतु अंशुमान सिंह गोगीबन्ना देवकिशन चांडक, रामकिशन आचार्य,सुनील बांठिया,ओमप्रकाश कुलरिया,शेखर भाटी,नितेश आसदेव कुनाल पारीक सीमा पुरोहित,कथासार मे कथासेवा व्यवस्था मे लगे है।।

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