बीकानेर,नई दिल्ली. केरल (Kerala) के कोझिकोड जिले में निपाह वायरस (Nipah Virus) के संक्रमण के एक और मामले की पुष्टि हुई है. राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के ऑफिस ने कहा कि 39 साल के एक शख्स का नमूना पॉजिटिव आने के बाद उसमें निपाह वायरस की पुष्टि हुई है.
वह शख्स एक अस्पताल में निगरानी में था. शुक्रवार को एक बयान में कहा गया कि उन्होंने एक निजी अस्पताल में इलाज कराने की इच्छा जाहिर की थी, जहां पहले निपाह पॉजिटिव मरीजों का इलाज किया गया था. इसके साथ ही कोझिकोड में निपाह के कुल मामलों की संख्या 6 हो गई है. निपाह वायरस से जुड़े 10 बड़े अपडेट ये रहे:
घातक वायरस निपाह से निपटने के लिए केरल ने जो एंटीबॉडी मंगाई थी, आईसीएमआर ने उसे भेज दिया है. राज्य को सैंपलों की जांच करने में सक्षम बनाने के लिए ग्राउंड जीरो पर एक मोबाइल प्रयोगशाला भी भेजी गई. पुणे में आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने 2 मौतों सहित 5 मामले दर्ज होने के बाद कोझिकोड जिले में निपाह वायरस के नमूनों की जांच करने के लिए अपनी मोबाइल बीएसएल-3 (बायोसेफ्टी लेवल -3) प्रयोगशाला भेजी.हालात का जायजा लेने और निपाह संक्रमण से निपटने में राज्य सरकार की मदद करने के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, आरएमएल अस्पताल और एनआईएमएचएएनएस के एक्सपर्ट्स की पांच सदस्यों की एक सेंट्रल टीम को केरल में तैनात किया गया. जाहिर है कि निपाह वायरस की मौजूदगी की जांच के लिए चमगादड़ों से भी सैंपल जुटाए जाएंगे.इसके अलावा राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (RGCB) की एक पूरी तरह से सुसज्जित मोबाइल वायरोलॉजी परीक्षण प्रयोगशाला को वायरस परीक्षण और पहचान को मजबूत करने के लिए उत्तरी केरल के निपाह वायरस से प्रभावित जिले में भेजा गया था.जिला प्रशासन ने पहले ही गुरुवार और शुक्रवार के अलावा शनिवार (16 सितंबर) को कोझिकोड में सभी शिक्षा संस्थानों के लिए छुट्टी घोषित कर दी है.स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य सतर्क है और कोझिकोड के पड़ोसी जिलों- कन्नूर, वायनाड और मलप्पुरम को भी सतर्क रहना चाहिए. कोझिकोड जिले के लगभग 11 वार्डों को बुधवार शाम तक निषिद्ध क्षेत्र घोषित कर दिया गया.केरल के कोझिकोड जिले से सामने आ रहे मामलों के मद्देनजर राजस्थान सरकार ने गुरुवार को चिकित्सा अधिकारियों को निपाह वायरस के किसी भी प्रकोप के संबंध में सतर्क रहने का निर्देश दिया.चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग के निदेशक ने सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों और सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में एक एडवाइजरी जारी की है. विभाग ने स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है.