जयपुर, देश की अग्रणी साहित्य संस्था कलमकार मंच की ओर से प्रकाशित राजस्थान के सात लेखकों की किताबों के लोकार्पण समारोह में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि समारोह में महिला लेखकों की किताबों का लोकार्पण हुआ और उन्हें सम्मान मिला। मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह के व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए कहा कि वे सही मायनों में एक ऐसे नेता थे जिनके लिए देश और जनहित सर्वोपरि थे। समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज ने की। कलमकार की ओर से प्रकाशित किताबों के इस सेट में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह के जीवनी ग्रंथ का भी प्रकाशन किया गया है। यह किताब 548 पृष्ठ की है जिसमें बहुत से महत्वपूर्ण किस्सों, अनछुए पहलुओं को तथ्यों व प्रमाणिकता के साथ समाहित किया गया है।
मोतीडूंगरी स्थित होटल साहिब्स हैरिटेज में आयोजित इस समारोह में देश के ख्यात साहित्यकार भरत ओला के कहानी संग्रह ‘भूत’ और राजेन्द्र कसवा लिखित पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह के जीवनी ग्रंथ ‘किसान प्रणेता चौधरी चरणसिंह’ के साथ कैलाश भारद्वाज के काव्य संग्रह ‘त्रय महिपा’, शालिनी अग्रवाल ‘सुकून’ के काव्य संग्रह ‘मेरे आस पास’, भारत दोसी के कहानी संग्रह ‘महुडी’ पूनम भाटिया के काव्य संग्रह ‘प्रेम राागिनी’ और जया वैष्णव के काव्य संग्रह ‘नभ से विशाल मैं ‘ का लोकार्पण पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज, मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी वरिष्ठ व्यंग्यकार फारूक आफरीदी, डॉ. सत्यनारायण, लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा, पूर्व आईएएस सत्यनारायण सिंह, प्रोफेसर होशियार सिंह, किस्सागोई फेम लेखिका उमा और रामगंज एसीपी सुनील प्रसाद शर्मा ने बड़ी संख्या में उपस्थित साहित्यप्रेमियों की मौजूदगी में किया।
समारोह के प्रारंभ में कलमकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक निशांत मिश्रा ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि समय बदल रहा है, किताब पाठकों तक पहुंचे इसके लिए प्रकाशक और लेखक दोनों को सम्मलित प्रयास करने होंगे।
वरिष्ठ व्यंग्यकार एवं मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी फारूक आफरीदी ने इस अवसर पर समारोह में बड़ी संख्या में युवा साहित्यकार मौजूद हैं और वरिष्ठ साहित्यकार भी। वरिष्ठ साहित्यकार वर्तमान में युवा पीढ़ी को आगे लाने के लिए माली की भूमिका निभा रहे हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार नंद भारद्वाज, फिल्म पटाखा फेम लेखक चरणसिंह पथिक, डॉ. सत्यनारायण, लोकेश कुमार सिंह ‘साहिल’, पूर्व आईएएस सत्यनारायण सिंह, प्रोफेसर होशियार सिंह, एसीपी सुनील प्रसाद शर्मा सहित किताबों के लेखकों ने भी अपने विचार रखे। संचालन डॉ. उषा दशोरा ने किया। अंत में लेखक महेश कुमार ने आगुन्तकों का आभार व्यक्त किया।
समारोह में फिल्म निर्माता-निर्देशक गजेन्द्र एस. श्रोत्रिय, राज जांगिड़, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार विनोद भारद्वाज, प्रबोध गोविल, प्रेमलता शर्मा, नवल पांडेय, चित्रकार चन्द्र प्रकाश गुप्ता, अमरबीर सिंह ‘शंटी’, प्रेरक मिश्रा सहित अनेक साहित्यप्रेमी मौजूद थे।