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बीकानेर,जनमानस को दो साल से पीड़ा दे रहा कोरोना अब मानसिक अवसाद का कारण बन गया है । कोरोना के बाद कई लोग अवसाद का शिकार हैं। उपचार के लिए बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच रहे है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि कोरोना के बाद से डिप्रेशन के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। दो साल पहले पीबीएम होस्पीटल मनोचिकित्सक विभाग में रूटीन ओपीडी 40 से 50 मरीज हुआ करता था, वह अब बढक़र 120 से 130 तक पहुंच गया। इन मरीजों में एंग्जाइटी के भी मरीज शामिल है। कोरोना के दौरान कई लोगों ने अपनों को खोया है। साथ ही कोरोना के चलते आर्थिक रूप से भी लोग परेशान हुए हैं। कई लोगों के काम धंधे चौपट हो गए । इन समेत विभिन्न कारणों के चलते लोगों के दिमाग पर भी असर पड़ा और वो डिप्रेशन का शिकार हो गए। मनोरोग चिकित्सक डॉ. मनफूल विश्रोई नग बताया कि कोरोना के बाद से मरीजों की संख्या बढ़ी है । आ रहे मरीजों में ज्यादातर ऐसे लोग है जिन्होंने कोरोना संक्रमण को झेला और परिजनों को खोया है, अपनों की मौत से लोगों को सदमा लगा है। इसके अलावा आर्थिक कारण भी लोगो के मानसिक अवसाद का कारण बना है। डॉक्टरों के अनुसार अवसाद के साथ-साथ एंग्जाइटी के मरीज भी सामने आ रहे है। इसमें मरीजों की चिंता बढ़ना, घबराहट, नींद ना आना जैसे मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। जो लोग पहले कोरोना का शिकार हो चुके हैं।

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