बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक व विशिष्ट अतिथि कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के पूर्व कुलपति डॉ जे.एस. संधू थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता एसकेआरएयू कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की।
मुख्य अतिथि एमपीएयूएटी कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की उच्च प्रतिष्ठा है। यहां से पढ़ लिखकर गए युवा देश विदेश में परचम लहरा रहे हैं। यहां शिक्षा पाने का सुनहरा अवसर मिला है। उन्होने कहा कि अब विद्यार्थियों को कंफर्ट जोन छोड़ना होगा।टीम भावना के साथ आगे बढ़ना सीखना होगा। सिलेबस के अलावा अन्य किताबें पढ़कर खूब ज्ञानी बनना है लेकिन घमंड नहीं करना है।
डॉ जे.एस. संधू ने कहा कि भारत माता की जय कर्मों के साथ करनी होगी। भारत माता की जय तभी होगी जब हम अपने चारों और साफ सफाई रखेंगे। देश के लिए कार्य करेंगे।समय पर कक्षाओं में आएं, तैयारी के साथ आएं और कक्षाओं में प्रश्न पूछने से ना झिझकें। कोई भी प्रश्न अपने साथ लेकर ना जाएं।
कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि स्टूडेंट्स अपने मन में गोल फिक्स करें और फिर उसे हासिल करने के लिए पूरे मेहनत करें। जीवन में कोई भी कार्य असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ने को लेकर विश्वविद्यालय में सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। टेक्नोलॉजी से लैस होकर स्टूडेंट्स यहां से निकलें। माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करें।
इससे पूर्व स्वागत भाषण कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने देते हुए सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए एसकेआरएयू की उपलब्धियों के बारे में बताया। साथ ही कहा कि दो सप्ताह तक चलने वाले दीक्षारम्भ कार्यक्रम में स्टूडेंट्स को विश्वविद्यालय के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी।।आठ सेमेस्टर में चलने वाले विभिन्न कोर्सेस की जानकारी दी। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ विमला ढुकवाल ने कहा कि हमने धरती से बहुत कुछ लिया। अब हमें राष्ट्र के समर्पित होने और उसे देने का समय आ गया है। कार्यक्रम के आखिर में आईएबीएम निदेशक डॉ आई.पी.सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में कृषि विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्रों के वरिष्ठ वैज्ञानिक, प्रधान वैज्ञानिक, अध्यापकों व बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। मंच संचालन डॉ सुशील कुमार ने किया।