बीकानेर ,अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानियां व पीएस कलवानियां का रविवार को जाट समाज के प्रबुद्ध लोगों द्वारा बीकानेर पहुंचे पर भव्य स्वागत किया गया।
अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक मंडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बीकानेर में जाट समाज के युवा व प्रबुद्ध लोगों से सामाजिक चेतना व समाज के उत्थान की चर्चाएं की इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक रामावतार पलसानियां ने बताया कि मार्च 2022 में अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के द्वितीय सत्र का आयोजन राजस्थान की राजधानी जयपुर में किया जाएगा जिसमें दुनिया भर के 130 देशों के जाट समाज के लोग इस भव्य समारोह में शिरकत करेंगे। राजस्थान प्रदेश के लोगों को भी इस समारोह में जोर शोर से भाग लेने का निमंत्रण दिया व सामाजिक एकता, रोजगार सर्जन, कला, शिक्षा व साहित्य की तरफ ध्यान देने की बात कही साथ ही जाट समाज के गौरवशाली अतीत को याद करने व इतिहास को पढ़ने कि जरूरत बताई और समाज राजनीतिक रूप से बहुत कमजोर हो गया है एक दौर हुआ करता था कि जाट समाज से चार से पांच केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री, चार-पांच राज्य मंत्री, दो प्रदेशों के मुख्यमंत्री, चार-पांच प्रदेशों के गवर्नर हमेशा रहे लेकिन पिछले दस से पंद्रह सालों में समाज में एकता की कमी से आज हालात इस कदर हो चुके हैं कि जाट समाज को नजरअंदाज कर प्रदेश और देश की सरकारें चलाई जा रही है इन राजनीतिक चालों को समाज के युवा और बुजुर्गों को समझना पड़ेगा और समय रहते हुए इन षड्यंत्र का जवाब देना होगा और यह जवाब जाट एकता के आव्हान से ही दिया जा सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के संयोजक पीएस कलवानियां ने बताया कि जाट समाज कष्टों व परेशानियों से जूझ रहा है एक वक्त हुआ करता था जब समाज प्रदेशों व केंद्र में पावर में हुआ करता था आज हालात इस कदर हो चुके हैं कि देश की कैबिनेट में एक भी जाट समाज का प्रतिनिधि नहीं है इसलिए जाट समाज के युवाओं और बुजुर्गों को सोचने और समझने की जरूरत है समय रहते हैं इन स्थितियों को नहीं समझे तो आने वाले समय मैं हालात बद से बदतर हो सकते हैं। समाज को फिर से एकजुट होकर प्रदेश व देश की सरकार को अपनी एकता की ताकत दिखानी होगी इसी ताकत को दिखाने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद का आयोजन किया जा रहा है इस भव्य आयोजन में राजस्थान प्रदेश की भागीदारी शत प्रतिशत होनी चाहिए जिससे देश दुनिया में बड़ा मैसेज जाएगा और सरकारों को सोचने के लिए मजबूर करने की जरूरत है। युवा साथियों को गांव-देहात में समाज की एकता के लिए रचनात्मक कार्यक्रमों का आयोजन करना चाहिए जिससे 36 बिरादरी के साथ मिलकर जाट समाज फिर से प्रदेश और देश में नेतृत्व का लोहा मनवा सके।
रामकिशन फाउंडेशन के सयोंजक श्री बिशनाराम सियाग ने समाज को संघठित होने व शिक्षा पर बल देने तथा सामाजिक बुराईयों को छोड़ने की बात कही ।
डॉक्टर जगन सिंह गोरा ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के आयोजन में बीकानेर के जाट समाज भी मुख्य भूमिका निभाएगा देश दुनिया से जयपुर में आ रहे जाट समाज के मेहमानों का भव्य स्वागत बीकाणा की संस्कृति से किया जाएगा।
इस आयोजन के लिए हम बीकानेर के प्रत्येक तहसील हेड क्वार्टर पर जाकर के कमेटियां बनाकर के इस आयोजन को सफल बनाने के लिए तैयारियां करेंगे अभी से जिम्मेदारियां लगा कर के अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद के आयोजन को ऐतिहासिक सफल बनाएंगे।
इस दौरान कार्यक्रम के मुख्यातिथि अंतरराष्ट्रीय जाट संसद के सयोंजक श्री रामावतार पलसानियाँ , श्री पीएस कलवानियाँ , श्री विकाश सिरोही, डॉ रॉकी चौधरी (अध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्यालय) समाजसेवी रामगोपाल जी मंडा, शंकर लाल सारण, पेमाराम जी सारण, बिशनाराम सियाग, हाकम जी जांगू, रामचंद्र दुसाद, डॉ जगन सिंह गौरा, डॉ मुकेश बेरवाल, डॉ बीरबल मील, डॉ मीनाक्षी चौधरी, श्रीमती सुमन चौधरी, सिंवरी चौधरी, हरिकुमार जी गोदारा (DJ), डॉ बीके बेनीवाल, डॉ बुडानिया जी, भरत जी ठोलिया, चेतराम जी थालोड़, रामेश्वर जी जाखड़, डॉ श्यामसुंदर जी ज्याणी, बीरबल मूण्ड (प्रदेश संगठन मंत्री, आदर्श जाट महासभा, राजस्थान), अमर जी डूडी, जयदयाल जी डूडी, रामकुमार तरड़, हड़मान जी गोदारा, श्रीकिसन सिंवर, तोलाराम भादू, भोमराज जी गाट, हिमताराम जी भाम्भू (पदमश्री), भागीरथ जी खीचड़, नेतराम जी रेपसवाल, भँवर जी गोरछिया, शिवलाल गोदारा, हंसराज सारण, रामदयाल सारण, मनोज मूण्ड, रामचन्द्र तरड़, हरिराम तरड़, गोपाल जी तरड़, राधेश्याम तरड़, आनंद जी कस्वां, राजाराम जांगू, प्रेम जी बुढ़िया, गौरीशंकर बुढ़िया, रामलक्षण जी गोदारा, डॉ राजेश जी नेहरा, गौरीशंकर गोदारा, कोडाराम भादू, दुलाराम जी बेनीवाल, चंद्रा राम पटवारी, प्रेम जी सारण, शीशपाल मोटसरा, अर्जुन कड़वासरा एवं पांच सौ से ज्यादा जाट समाज के गणमान्य बुद्धिजीवी लोग शामिल हुए..
इस समेलन का मुख्य उद्देश्य समाज को एक सूत्र में पिरोना तथा समाज मे फैली सामाजिक बुराईयों को मिटाना तथा शिक्षा पर जोर देने की बात सभी वक्ताओं ने कही..