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बीकानेर,जयपुर,राजधानी में निजी स्कूल की मनमानी का एक ओर मामला सामने आया है जहां स्कूल प्रशासन के खिलाफ 50 से अधिक विद्यार्थी जो कक्षा 8 से 12 तक है ने मोर्चा खोल दिया है मामला निवारू रोड़, झोटवाड़ा स्थित सेंट एंसल्म्स नार्थ सिटी स्कूल के छात्र परिषद के गठन का जिसमें 50 से अधिक छात्रों ने स्कूल प्रशासन पर पक्षपात और मनमानी करने का आरोप लगाया है। बुधवार को सभी विद्यार्थी स्कूल प्रिंसिपल से भी मिले और अपनी आपत्ति दर्ज करवानी चाही किंतु प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों के सुनने की बजाय डांट फटकार कक्षा में भेज दिया।

स्कूल छात्र अक्षत कुमार, दक्ष ठाकुर और कार्तिक झारवाल ने बताया कि हर साल स्कूल में स्टूडेंड काउंसिल (छात्र परिषद) का गठन होता है, जिसके नेतृत्व का चयन योग्यता रखने वाले कक्षा 8 से 12 के विद्यार्थियों में से शिक्षकों द्वारा किया जाता है। जिसमें चयन में हर बार शिक्षकों द्वारा पक्षपात और व्यक्तिगत पसंद के छात्रों का चयन कर दिया जाता है और योग्य छात्रों की अनदेखी कर दी जाती है। ना उपलब्धियों को महत्व मिलता है ना योग्यता को महत्व मिलता है। योग्य छात्रों को महत्व मिले इसलिए हम 50 से अधिक छात्र एकत्रित हुए और स्टूडेंट काउंसिल का चयन चुनाव के द्वारा करवाने की मांग की कई बार स्कूल प्रिंसिपल और संबंधित शिक्षकों से भी मुलाकात कर चुके है किंतु हर बार हमारी आवाज दबा दी जाती है किंतु इस बार हम सभी ने निर्णय लिया और स्कूल के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से लगातार मांग उठाई जाएगी। हमारे निवेदन पर संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने हमसे मुलाकात की और हमारी बात सुनकर ना केवल मुख्यमंत्री, बल्कि शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक, संयुक्त शिक्षा निदेशक, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग इत्यादि को पत्र लिखकर न्याय की मांग की।

संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि बुधवार को छात्रों की शिकायत पर उनसे मिलने स्कूल पहुंचा था, छात्रों ने घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि अभी हम स्कूल प्रिंसिपल से मिले लेकिन उन्होंने हमारी पूरी बात सुनने की बजाय हाथों से कागज छीनकर हमें कक्षा में भेज दिया, वह पूरी तरह से हमारी बातों की अनदेखी कर रहे है। अपनी व्यथा बताते हुए विद्यार्थी बहुत भावुकता से बात कर रहे थे, उनकी पीड़ा को समझकर ना केवल उन्हें हौसला दिया बल्कि उन्हें समझाया कि उन्हें किसी भी तरह का मानसिक तनाव नहीं लेना है और केवल पढ़ाई पर ध्यान देना है। संयुक्त अभिभावक संघ सदैव आपके साथ खड़ा रहा है। जिसके बाद जयपुर जिला शिक्षा अधिकारी के नाम विद्यार्थियों को न्याय दिलवाने के लिए पत्र लिखा और उसकी प्रति मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव सहित अन्य अधिकारियों भेजी गई।

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