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बीकानेर,जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वर महाराज के निर्देशन में ढढ्ढा चौक के कोठारी भवन में भगवान महावीर के निर्वाण दिवस व दीपावली पर्व पर पावापुरी तीर्थ की थर्माकोल से प्रतिकृति बनाई जा रही है।
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी ने बताया कि भगवान महावीर अंतिम 16 प्रहर देशना पावापुरी तीर्थ में दी थी। बिहार के नालंदा जिले की पावापुरी के राजा हस्तिपाल ने अपने राज्य में भगवान को स्थान दिया। उनकी देशना से ही उत्तराध्ययन सूत्र का रचना हुई। प्रभु ने पावापुरी में प्रथम गणधर श्री गौतम स्वामी को निकट गांव में देव शर्मा ब्राह्मण के यहां उपदेश देने के लिए भेजा। पावापुरी में उतराध्ययन का निरूपण करते हुए अमावस्या की रात के अंतिम प्रहर, स्वाति नक्षत्र में निर्वाण प्राप्त किया।
कल्याण के लिए काक प्रवृति के लोगों से बचे
बीकानेर के मुनि संवेग रतन सागर महाराज ने उत्तराध्ययन सूत्र में भगवान महावीर की अंतिम देशना का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु महावीर ने केवल ज्ञान के प्रकाश के माध्यम से बताया कि अपने कल्याण के लिए काक प्रवृति के लोगों से बचे। कलयुग में लोगों के साथ संत महात्मा भी काक प्रवृति हो रहे है। जीवन में आत्म कल्याण व परमात्म प्राप्ति का ध्येय रखकर साधना, आराधना व प्रभु भक्ति करने वाले महान आत्माओं का उपाश्रय लें।
भगवान महावीर का निर्वाण कल्याणक कल
जैनाचार्य जिन पीयूष सागर सूरीश्वरजी की निश्रा मे शुक्रवार को भगवान महावीर का निर्वाण कल्याण जप, तप व मंदिरों में पूजा के साथ मनाया जाएगा। श्री सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व श्री जिनेश्वर युवक परिषद के अध्यक्ष संदीप मुसरफ ने बताया कि बताया कि 2 नवम्बर को भगवान महावीर स्वामी के मंदिरों में चतुर्विद संघ के साथ निर्वाण का लड्डू चढ़ाया जाएगा। आसानियों के चौक के भगवान महावीर स्वामी के मंदिर में साध्वी श्री पद्म प्रभा व सुव्रता श्रीजी के सानिध्य में श्री पार्श्वचंद्र गच्छ ट्रस्ट के पदाधिकारियों व सदस्यों ने मंदिर को श्रमदान से शिखर नीचे तक सम्पूर्ण मंदिर में सफाई की। साध्वी वृंद के सान्निध्य में भगवान महावीर का निर्वाण कल्याणक मनाया जाएगा।

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