बीकानेर,देहात कांग्रेस के कार्यालय में आज कांग्रेस का स्थापन दिवस मनाया गया कांग्रेस के स्थापना दिवस पर कार्यालय में झण्डा रोहण सलामी दी गई। जन-मन-गण अधिनायक जय भारत भाग्य विधाता गायन से शुरूआत कर झण्डा फहराया गया। इस अवसर पर देहात कांग्रेस के उपाध्यक्ष नित्यानन्द पारीक ने कहा कि कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 28 दिसम्बर 1885 में हुई थी। इसके संस्थापकों में ए.ओ हयूम (थियोसिफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य) दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। आज हमें इस स्थापना दिवस पर संकल्प लेना होगा कि राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए हम अपना तन-मन-धन अर्पित कर समर्पण भाव से कार्य करे।
देहात कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष संजय गिला ने कहा कि 19वीं सदी के आखिर में कांग्रेस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन किया था और आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
वरिष्ठ कांग्रेस सेवादल के नेता नरसिंहदास व्यास ने कहा कि कांग्रेस भारत की एक प्रमुख राजनैतिक पार्टी रही है जिसने भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में अग्रणी भूमिका निभाई।उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के लड़ाई में कांग्रसे के कई यौद्धा ने देश को आजादी दिलाने में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया ।
देहात कांग्रेस सेवादल के पूर्व अध्यक्ष श्रवण कुमार रामावत ने कहा कि भारत की आजादी तक कांग्रेस सबसे बड़ी और प्रमुख भारतीय जन संस्था मानी जाती थी, जिसका स्वतंत्रता आन्दोलन में निर्णायक प्रभाव रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता देहात कांग्रेस के उपाध्यक्ष नारायण सिंह चारण की कहा कि कांग्रेस का इतिहास बलिदान का इतिहास रहा है आजादी की जंग में अनेक कार्यकर्ताओं ने अपना कुर्बानी देकर देश को आजाद कराया। तत्पश्चात् आजादी के बाद भी इन्द्रा गांधी व राजीव गांधी ने अपना बलिदान राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के लिए दिया इस अवसर पर डॉ. मिर्जा हैदर बैग ने कहा कि भारतीय इतिहास की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आज अपना स्थापना दिवस मना रही है। इस प्रमुख अवसर पर कांग्रेस का कार्यकर्ता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान करे।
इस अवसर पर श्रवण चौधरी, राजपाल पूनियां, सदाम हुसैन, मुकेश खान आदि अनेक लोगों ने कांग्रेस स्थापना दिवस पर अपने विचार रखते हुए भारतीय इतिहास के बारे में जानकारी देकर कांग्रेस द्वारा दिये गये योगदान पर अपने विचार प्रकट किये