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जयपुर, नियुक्तियों में साधारण सदस्य बनाये जाने पर राजेश चौधरी ने भी यह पद नामंजूर कर दिया है। वहीं एक अन्य ट्वीट में सुशील आसोपा ने भी लिखा कि जो राजनैतिक नियुक्ति राज्य सरकार ने मुझे आज भी है उसे मैं स्वीकार करता हूं क्योंकि मेरी सहमति नहीं ली गई मैं 42 महीने की नौकरी छोड़कर पद के लिए नहीं आया हूं कांग्रेस में जीवन भर निस्वार्थ भाव से सेवा करता रहूंगा।

राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों की एक और सूची सामने आई है। इस सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 74 लोगों को नियुक्तियां दी हैं। सूची की खासियत यह है कि जो जो नेता चेयरमैनशिप बोर्ड, निगम व आयोगों में चेयरमैन बनने की दौड़ में थे।,उन्हें साधारण सदस्य बनाकर राजनीतिक रुप से कमजोर करने का काम किया गया है। सदस्य बनाते समय किसी भी नेता क्या कैडर या वरिष्ठता का भी ध्यान नहीं रखा गया। और जहां पूर्व विधायक पूर्व महापौर को सदस्य बनाया गया। वही साधारण सा कार्यकर्ता को भी सदस्य बनाकर उनके बराबर खड़ा कर दिया है।

राजस्थान में कांग्रेस की राजनैतिक मुझे आज दी है, उसे मैं अस्वीकार थे उन सब को साधारण सदस्य बनाकर बनाया गया है, वही साधारण स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज, दर्शन सिंह गुर्जर को बोर्ड-निगमों में साधारण सदस्य बनाया गई। मैं 42 महीने की नौकरी छोड़कर काम किया गया है। सदस्य बनाते समय कार्यकर्ताओं को भी सदस्य बनाकर उनके बराबर खड़ा कर दिया गया है। विधायक सुरेश मोदी को राजस्थान व्यापार कल्याण बोर्ड, अध्यक्ष, और गजराज खटाणा को भवन एवं अन्य सनिर्माण राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया गया है और यह दोनों ही समितियां नई बनाई गई है। इसी तरह से डॉ.अर्चना शर्मा को राजस्थान समाज कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष व मीनाक्षी चंद्रावत को उपाध्यक्ष, सुचित्रा आर्य को राजस्थान राजस्थान पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास गया है। दिवाकर बैरवा को राजस्थान अनुसूचित उपाध्यक्ष बनाया गया है। इस राजनीतिक सदस्य बनाया गया है।

सूची की खास बात यह है कि चेयरमैनशिप की दौड़ में लगे सऊद सईदी, राजेश चौधरी, डॉ निजाम मोहम्मद, चयनिका उनियाल, महेश मोरदिया, कैलाश सोयल, अभिमन्यु पूनिया, करण सिंह उचियार, डॉ. ज्योति खंडेलवाल व घनश्याम मेहर को सिर्फ बोर्ड निगमों में साधारण सदस्य बनाया गया। सूची में कुछ निगम बोर्ड के अध्यक्ष पद दिया गया है तो कई कार्यकर्ताओं को सदस्य बनाया गया है।

Sushil Asopa @SushilAsopa 6m 3 जो राजनैतिक नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा मुझे आज दी गई है उसे मैं अस्वीकार करता हूँ क्योंकि मेरी सहमति नहीं ली गई। मैं 42 महीने की नौकरी छोड़कर पदों के लिए कांग्रेस में नहीं आया। जीवन भर निःस्वार्थ सेवा करता रहूंगा।

 

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