जयपुर। मंत्रिमंडल फेरबदल के बाद अब कांग्रेस में खाली पड़ी संगठन की नियुक्तियां करने की तैयारी शुरू कर दी हैं। पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की तैयारी है। जिलाध्यक्षों का पैनल कांग्रेस हाईकमान के पास भेजा जा चुका है। हाईकमान की मंजूरी मिलते ही करीब 15 से 17 जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होगी। पहले फेज में केवल बिना विवाद वाले जिलों में ही जिलाध्यक्षों की घोषणा के आसार हैं। आधे जिलों में अब भी सहमति नहीं बनी है। वहां कई विवाद और खींचतान हैं।
कांग्रेस में इस बार राजधानी जयपुर के साथ जोधपुर और कोटा शहर में दो-दो जिलाध्यक्ष बनाए जाएंगे। इन शहरों में दो-दो नगर निगम होने के कारण दो जिलाध्यक्ष बनाने का प्रयोग किया जा रहा है। बड़े नेताओं में टकराव टालने और ज्यादा नेताओं को मौका दिए जाने के लिए तीन शहरों में दो जिलाध्यक्ष बनाए जाने का रास्ता निकाला है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए हाईमान से मंजूरी का इंतजार है। हाईकमान से मंजूरी मिलते ही जल्द ही 15 से 17 जिलों में जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी।
तीन जिलों में तीन-तीन अध्यक्ष, कुल 42 जिलाध्यक्ष हो जाएंगे कांग्रेस में
कांग्रेस में अभी 39 जिलाध्यक्ष हैं। जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर, बीकानेर में अभी शहर और ग्रामीण के जिलाध्यक्ष हैं। अब दो नगर निगम वाले तीन शहरों में दो दो शहर जिलाध्यक्ष बनाए जाने के बाद इन तीन जिलों में तीन-तीन जिलाध्यक्ष हो जाएंगें।
डेढ़ साल से नहीं हैं जिला और ब्लॉक अध्यक्ष
कांग्रेस में पिछले साल जुलाई में सचिन पायलट की बगावत के बाद से जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष सहित सभी जिला-ब्लॉक कार्यकारिणी भंग चल रही हैं। डेढ़ साल से बिना जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के ही संगठन चल रहा है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के बाद ही जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी में भी नियुक्तियां होंगी।
खींचतान की वजह से देरी
कांग्रेस में बड़े नेताओं की खींचतान को ही जिला और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियों में देरी की वजह बताई जा रही है। अब मंत्रिमंडल फेरबदल में सचिन पायलट और अशोक गहलोत खेमों के बीच बनी सहमति से संगठन में नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है। अब दिसंबर में संगठन की नियुक्तियां होने की संभावना है। कांग्रेस में अब भी स्थानीय स्तर की खींचतान बरकरार है, इस वजह से फेज में संगठन के पदो ंपर घोषणा होगी।