बीकानेर,प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जनसुनवाई सत्र के दौरान एक दिलचस्प मामला सामने आया, जब एक विधायक ने पुलिसकर्मियों पर चोरी हो चुके एक बकरे को 2,000 रुपये में बेचने का आरोप लगाया और इसे लेकर एक सबूत भी साझा किया।जनसुनवाई सत्र में भाग ले रहे राज्य के खेल मंत्री अशोक चांदना ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कहा कि आयुक्त को मामले की जांच करने के लिए कहा है।
राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों की जनसुनवाई में कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे निकम्मा और नकारा करार दिया। उन्होंने खेल मंत्री चांदना को सबूत के तौर पर वीडियो रिकॉडिर्ंग भी दी और जयपुर की कोटखावदा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
विधायक सोलंकी व ग्रामीणों ने जनसुनवाई के दौरान ज्ञापन देते हुए कहा कि 22 जुलाई को कोटखावदा थाने में बकरा चोरी का मामला दर्ज किया गया था। हालांकि बाद में बकरा मिल गया, लेकिन पुलिसकर्मियों की मिलीभगत से उसे एक व्यक्ति को बेच दिया गया। ज्ञापन में कहा गया है, इस बात के पूरे सबूत हैं। जिस व्यक्ति के पास बकरा मिला है, उसने साफ कहा है कि इसे पुलिसकर्मियों ने 2000 रुपये में बेचा है।
सोलंकी ने कहा, पुलिस एक नए निचले स्तर को छूती दिख रही है, क्योंकि अब उन्होंने बकरे बेचना भी शुरू कर दिया है। हमारे मवेशी कहां सुरक्षित रहेंगे, जब रक्षक ही भक्षक बन जाएंगे? इसलिए मैं यहां यह शिकायत लेकर आया हूं। हमने इस पूरी घटना के वीडियो सबूत भी दिए हैं।
उन्होंने कहा, जब से पुलिस कमिश्नरेट बना है, चोरी सहित सभी तरह के अपराध बढ़े हैं। मेरी मांग है कि ग्रामीण पुलिस थानों को कमिश्नरेट से बाहर लाया जाए, ताकि उन पर एसडीएम द्वारा नजर रखी जा सके। कोटखावदा चाकसू क्षेत्र में अक्षम पुलिसकर्मियों को लगाया गया है।
उन्होंने आगे कहा, मैंने मांग की है कि अच्छे पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाए, ताकि अपराध पर काबू पाया जा सके। पुलिस के पास बजरी और भूमाफियाओं के लिए समय नहीं है।
इस बीच मंत्री चांदना ने कहा कि आयुक्त को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
चांदना जनसुनवाई कर रहे थे, तभी चाकसू क्षेत्र के विधायक ने बकरा चोरी का मामला जनसुनवाई के दौरान संज्ञान में लाया। इस पर मंत्री ने कहा, पुलिस आयुक्त को मामले की जल्द से जल्द जांच कर कार्रवाई करने को कहा गया है। अब जांच में यह स्पष्ट होगा कि बकरे को पुलिस ने चुराया था या किसी और ने। जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि सोलंकी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे से आते हैं और चांदना सीएम अशोक गहलोत के खेमे से हैं। सीएम ने कभी पायलट को निकम्मा और नकारा कहा था और अब सोलंकी ने गहलोत के गृह विभाग के तहत आने वाली पुलिस के लिए इसी प्रकार की शब्दावली का इस्तेमाल किया है। गहलोत सीएम होने के अलावा गृह मंत्री भी हैं।