बीकानेर,काग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद अब राजस्थान का विवाद सुलझने के आसार नजर आ रहे हैं। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने हाल ही में नए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लंबी मुलाकात की है।
दोनों नेताओं की मुलाकात के सियासी मायने में निकाले जाने लगे हैं। इस मुलाकात को पायलट की अगली भूमिका से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने 27 अक्तूबर को कांग्रेस अध्यक्ष से लंबी चर्चा की है। खरगे के पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने के बाद पायलट ने पहली बार उनसे मुलाकात की है। पायलट ने पार्टी अध्यक्ष को राजस्थान के सियासी हालात और चुनावी साल में बनने वाले समीकरणों पर फीडबैक दिया है।
राजस्थान सरकार के कामकाज, अगले विधानसभा चुनाव और पिछले ढाई साल से पार्टी में ग्रास रूट स्तर पर संगठन के पदों पर नियुक्ति नहीं होने के मुद्दे पर भी बात की है। सचिन पायलट हिमाचल प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के मेंबर भी हैं। इस मुलाकात में पायलट ने खरगे को हिमाचल के चुनावी हालात पर भी फीडबैक दिया है। पार्टी ने पायलट को विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी दे रखी है, साथ ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कमेटी के वे सदस्य भी हैं।
राजस्थान कांग्रेस से जुड़े सूत्रों कहना है कि सचिन पायलट की भूमिका के बाद ही राजस्थान कांग्रेस की दशा और दिशा तय होगी। हालांकि पायलट को भविष्य में क्या जिम्मेदारी मिलती है, इसका फैसला हाईकमान पर छोड़ दिया है। 25 सितंबर को गहलोत गुट के विधायकों के विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के कारण नए सीएम का फैसला हाईकमान पर छोड़ने का एक लाइन का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका था। अब जब खरगे ने नए कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान संभाली है, तो यह इसके पूरे कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी नए सिर से प्रस्ताव पारित करवाने के लिए फिर से ऑब्जर्वर को राजस्थान भेज सकती है।
दिसंबर तक फैसला होने के उम्मीद
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व राजस्थान का विवाद चुनावी साल से पहला निपटाना चाहता है। इसलिए पहले संगठन स्तर के ऊपर से नीचे तक खाली पदों को भरा जाएगा। संगठन के बाद ही सरकार के नेतृत्व को लेकर कोई फैसला होने की उम्मीद है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के चार्ज संभालते ही 26 अक्तूबर को सभी राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने इस्तीफे दे दिए हैं।
अब खरगे अगले महीने तक सीडब्ल्यूसी और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी संगठन में नियुक्ति करेंगे। संगठन की नियुक्तियों करने के बाद राजस्थान की बारी आएगी। नवंबर-दिसंबर तक पायलट के रोल पर फैसला होने की उम्मीद लगाई जा रही है। पायलट की गांधी परिवार से सितंबर में उनके भावी रोल पर चर्चा हो चुकी है। वहीं हाल ही में पायलट की नए अध्यक्ष से भी मुलाकात हो चुकी है। ऐसे में अब पार्टी हाईकमान के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।