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बीकानेर। भारतीय जनता पार्टी शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने राजस्थान सरकार के खनन मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया के बीकानेर प्रवास के दौरान दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि खनन समस्या वर्तमान राज्य सरकार की खनिज माफियाओं से सांठगांठ के कारण उत्पन्न स्थिति से है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खनिज मंत्री प्रमोद भाया जैन का वक्तव्य कि राजस्थान में खनिज समस्या भाजपा की देन है बेहद निराशाजनक है एवं सरकार का जिम्मेदारी से भागना मात्र है।

जिलाध्यक्ष सिंह ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार,खनिज विभाग के अधिकारियों और खनिज माफियाओं की साठगांठ अब एक बड़े संगठित अपराध का रूप ले चुकी है। उन्होंने कहा कि खनन मंत्री का बीकानेर जैसे महत्वपूर्ण खनन क्षेत्र का प्रवास 2 वर्ष बाद हो रहा है जो उनकी लाचारी को प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मिलीभगत एव लचर नीति के कारण खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है, उन्हें प्रशासन और पुलिस तक का डर नही है। बजरी माफिया सरेराह पुलिस पर आक्रमण कर रहे है।

सिंह ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट तक की फटकार सुननी पड़ी है जिसके जवाब में सरकार और खनिज विभाग ने केवल कागजों में समितियां बना कर इतिश्री कर ली है।

बीकानेर जिले का जिक्र करते हुए अखिलेश प्रताप ने कहा कि सम्पूर्ण सीमा क्षेत्र में जिस प्रकार से अवैध खनन बढ़ा है उससे देश के बॉर्डर तक की सुरक्षा को खतरा खड़ा हो गया है। सीमा क्षेत्र की अनेकों चौकियों को जोड़ने वाली सड़कें खुदी पड़ी है। टूटी-फूटी सड़को के कारण सुरक्षा कर्मियों का चौकियों पर पहुचना मुश्किल हो गया है और जिस प्रकार खनन माफ़िया सरकार पर हावी है उसमें सरकार की मिलीभगती नज़र आती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश भर से खनन की 80 चेक पोस्टों को हटाना जैसे निर्णय सरकार और विभाग की मंशा को जाहिर करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जल, जंगल और पहाड़ो को खोखला होते देख रही है, जिसके कारण पर्यावरण असंतुलन का भारी नुकसान भुगतना पड़ सकता है।

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