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बीकानेर, नेम प्रकाशन डेह द्वारा राजस्थानी भाषा पुरस्कार 2024 की घोषणा आज विधिवत कर दी गई है।
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति के उन्नयन एवं संवर्धन हेतु उक्त संस्था द्वारा लगभग अठाईस पुरस्कार विभिन्न विधाओं एवं साहित्य सेवा के अंतर्गत समाज के विशिष्ट व्यक्तियों के नाम से दिये जाते हैं।
आज इन पुरस्कारों की विधिवत घोषणा कर दी गई है। इसके अंतर्गत राजस्थानी भाषा का ” चण्डीदान देवकरणोत बारहठ राजस्थानी भाषा अनुवाद पुरस्कार बीकानेर के डॉ गौरीशंकर प्रजापत के उपन्यास ” तजरबो” को दिया जाएगा।
“तजरबो” उपन्यास बंगाली साहित्यकार दिव्येंदु पालित के बंगाली उपन्यास अनुभव का राजस्थानी अनुवाद है । तजरबो उपन्यास केन्द्रीय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली से प्रकाशित हुआ है। डॉ प्रजापत की कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है “निबंध सबरंग, भळै भरोसो भोर रो, और राजस्थानी साहित्य शास्त्र री ओळखाण विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है जिसके दस से अधिक संस्करण निकल चुके हैं। डॉ गौरीशंकर प्रजापत राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष है और राजस्थानी भाषा की मान्यता आंदोलन के आगीवाण सिपाही है। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान के सचिव कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने इस पुरस्कार की घोषणा पर नेम प्रकाशन ‘डेह’ की चयन समिति का साधुवाद मानते हुए बधाई प्रेषित की है।

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