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श्रीडूंगरगढ़। यहां राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित संस्कृति भवन में रविवार को राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति के तत्वावधान में कॉमरेड त्रिलोक शर्मा स्मृति व ग्रन्थ लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। अध्यक्षीय उद्बोघन करते हुए विधायक गिरधारीलाल महिया ने कहा कि कॉमरेड त्रिलोक शर्मा ने जो पूंजी अपने जीवन मे कमाई है वह अमर है, कभी समाप्त नहीं होने वाली है। महिया ने त्रिलोक शर्मा को राजनीतिक व्यवस्था का बड़ा योद्धा बताया। उन्होंने श्रीडूंगरगढ़ को बीकानेर जिलें में मिलाने के आंदोलन का जिक्र करते हुए उसे लोक आंदोलन की उपाधि दी। मुख्य अतिथि कॉमरेड तारासिंह सिद्धू ने कहा कि त्रिलोक शर्मा की स्मृति में ग्रन्थ का लोकापर्ण जिस स्थान पर हुआ है वह बीकानेर रियासत संघर्ष की रही है। इस दौरान जन चेतना का काम कॉमरेड त्रिलोक शर्मा ने किया। उनका जीवनकाल में किया गया संघर्ष बेकार नहीं गया। उनका संघर्ष ही है कि कॉमरेड वर्तमान समय में भी लोगों के दिल और दिमाग में जिंदा है। उनकी विरासत की बागडोर विधायक महिया ने थामी है। उस समय से जो चुनौतियाँ चली आ रही है वह आज ज्यादा बड़ी है। इन चुनौतियों का मुकाबला कर के आगे बढऩा होगा। किसान आंदोलन ने यह साफ बताया है कि सब मिलकर लड़ेंगे तो सामने वाला चाहे कितना भी ताकतवर हो, उसे हम झुका सकते है। प्रारम्भ में स्वागत उद्बोधन करते हुए समिति अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि जन-कवि त्रिलोक शर्मा राजनीतिज्ञ के साथ-साथ एक लोकप्रिय लेखक भी थे। उन्होंने इस क्षेत्र को जो दिया उसके लिए आने वाली पीढिय़ां भी उनकी आभारी रहेंगी। उन्होंने हर वर्ग के लिए लेखन, साहित्य व कला से जुड़ाव आवश्यक बताया। माकपा के तहसील सचिव मोहन भादू ने कहा कि कॉमरेड शर्मा का संघर्ष ही है कि आज श्रीडूंगरगढ़ में कॉमरेड विधायक है। विषय प्रर्वतक अविनाश व्यास ने त्रिलोक शर्मा को संवेदनाओं से जुड़ा व्यक्ति बताया। उन्होंने हिंदुत्व की राजनीति को उनके सपनों के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि पूरे सम्भाग में कॉमरेड शर्मा ही ऐसे व्यक्ति थे जो लेखन, लेखक व साहित्य के साथ राजनीति से जुड़े हुए थे। विशिष्ट अतिथि डॉ.सीमा जैन ने जन-कवि शर्मा को एक ही जीवन मे अनेक जीवन जी लेने वाले व्यक्तित्व का धनी बताया। उन्होंने कहा कि शर्मा के जीवन को अगर कोई अपने दैनन्दिन जीवन में उतार लें तो निश्चित ही वह व्यक्ति अपना पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर देगा। वर्तमान समय मे राजनीति केवल राजनेताओं तक सीमित रह गई है। जिस तरह की राजनीति आज हो रही है वह निश्चित रूप से समाजवाद के लिए हानिकारक है। इस राजनीति में लेखन व साहित्य का होना आवश्यक है। कॉमरेड नरेंद्र आचार्य ने कहा कि त्रिलोक शर्मा सामाजिक चेतना व संवेदनाओं के संदेश वाहक थे। उनके विचार, उनकी निर्भीकता आज भी समाज में प्रेरणास्प्रद है। उस समय जो बातें उन्होंने कहीं थी वो आज देखने को मिल रही है। हमारे देश के ढांचे को गिराने की कोशिशें हो रही है। केंद्र सरकार हमारे सामाजिक, आर्थिक व संवैधानिक ढांचे को गिराने में समय लगा रही है। योजना आयोग को समाप्त कर के नीति आयोग बनाया गया है जो समाज के महत्वपूर्ण ढांचे पर प्रहार है। पत्रकार व मीडिया को गुमराह किया जा रहा है। जो हम सब के सामने एक चुनौती है। जिसे स्वीकार कर जवाब देना होंगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सिर्फ आज तक सीमित नहीं रखें। बल्कि मूल्यों को समाज लोगों के बीच लेकर जाना होगा और कॉमरेड त्रिलोक शर्मा की विचारधारा को पुन: लाना होगा। इस अवसर पर एडवोकेट भरतसिंह राठौड़, सोहन गोदारा, रवि पुरोहित, भंवर भोजक, बजरंग शर्मा, महावीर माली, सोम शर्मा, सत्यदीप आदि ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह में दानाराम भाम्भू, महेश जोशी, जाकिर अदीब, श्रवण-संतोष नैण, भागूराम सहू, महावीर पंवार, चेतन स्वामी, श्रीभगवान सैनी, विजय महर्षि, महावीर सारस्वत, भंवरलाल शर्मा, श्रीनारायण शर्मा, नरेश शर्मा सहित सैंकड़ो ब़द्धिजीवियों ने शिरकत की।

इनका हुआ सम्मान
इस अवसर पर उल्लेखनीय साहित्यिक अवदान के लिए जनवादी लेखक नवनीत पांडे, बीकानेर और शिवानी पुरोहित, जोधपुर को कॉमरेड त्रिलोक शर्मा स्मृति साहित्य सम्मान अर्पित किया गया।
बीकानेर के लोकप्रिय हिन्दी दैनिक लोकमत के सम्पादक अशोक माथुर और शाद्वल पाक्षिक के सम्पादक डॉ. अभयसिंह टाक को उल्लेखनीय पत्रकारिता के लिए कॉमरेड त्रिलोक शर्मा स्मृति पत्रकारिता सम्मान से समादृत किया गया।

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