बीकानेर,जन शिक्षण संस्थान, बीकानेर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित अस्सिटेंट टैक्सटाइल प्रिन्टर प्रशिक्षण केन्द्र का संस्थान परिसर में समापन किया गया। महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ इस 105 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षणर्थियों को अस्सिटेंट टैक्सटाइल प्रिन्टर से संबंधित सभी जानकारियां दी गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पार्षद श्रीमती सुधा आचार्य ने प्रशिक्षणार्थियों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि वे प्रशिक्षण के बाद स्वरोजगार के लिए स्वयं का अस्सिटेंट टैक्सटाइल प्रिन्टर का कार्य शुरू कर सकती है।
इस मौके पर श्रीमती आचार्य ने कहा कि हमारा देश विश्व में सबसे अधिक युवा शक्ति वाला देश है। इसी के साथ यह भी सत्य है कि हमारे देश में युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की है। बेरोजगारी के इस विकट दौर में युवाओं के सामने आत्मनिर्भरता प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो रहा है। ऐसी स्थिति में युवाओं को मात्रा सरकारी नौकरी पाने की ललक में नहीं रहकर अपना रूझान व्यावसायिक कौशल प्राप्त कर रोजगार और स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की ओर करना चाहिए। क्योंकि हुनर की शक्ति से ही बेरोजगारी से मुक्ति मिल सकती है।
इस अवसर पर बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति के उपाध्यक्ष एवं जन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष अविनाश भार्गव ने कहा कि युवा शक्ति व्यावसायिक कौशल का महत्व समझें और अपनी रूचि का काम सीखें साथ ही दुसरे युवाओं को भी प्रेरित करें।
संस्थान के सहायक कार्यक्रम अधिकारी ने उमाशंकर आचार्य ने बताया कि संस्थान 2001 से आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टि से कमजोर एवं जरूरतमंद लोगों को उनकी रूचि एवं स्थानीय परिवेश की आवश्यकतानुसार व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रहा है। आचार्य ने कहा कि प्रशिक्षण में समय समय पर जीवन कौशल शिक्षा के बारे में जानकारी दी गई। जिससे इनका व्यक्तिगत विकास भी हो सके। अनुदेशिका श्रीमती दरिविन्दर कौर ने प्रशिक्षण का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सभी प्रशिक्षणार्थियों को भविष्य में इस कार्य में और अधिक गति देने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर अनुदेशिका खुशबू भाटी, रीतू कोठारी, नम्रता आदि ने अपने हुनर को भविष्य में आजीविका बनाने की बात कही। इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में मां सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। कार्यक्रम में अंत में सभी आगन्तुकों का आभार रीतू कोठारी ने प्रकट किया।