
बीकानेर,देशनोक पुल पर दुर्घटना के शिकार लोगों को हर हालात में मुआवजा मिलना ही चाहिए. उन मात्र 5-6 लोगो को ही नहीं, जिनके लिए आंदोलन हो रहा है. बल्कि उन सभी को जो इस पुल के बनने से लेकर आज तक इसके शिकार बने है. इसके लिए आंदोलन की आवश्कता ही नहीं पड़नी चाहिये.प्रशासन मान चुका है की डिज़ायन में ग़लती है. हताहतों की क्या गलती.ये मुआवजा सरकार जेब से ना देकर उस समय के सभी जिम्मेवारो से वसूल करके दे. मैं तो कहता हो पुल की लागत भी उनसे वसूल करो. जिसने डीपीआर बनायी,जिसने उसे पास किया, जिसने बनाया.सरकार क्यू भुक्ते.उस समय सरकार किसी की भी हो इस वसूली से डरना नहीं चाहिए.
आंदोलन करने का अवसर मिलेगा तो राजनीति है, करेगे ही.निर्णय लीजिए.योगी ज़ी होते तो निर्णय हो गया होता . कृपया विचार करे.CA सुधीश शर्मा बीकानेर.