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बीकानेर, कृषि मशीनरी निर्माता के परीक्षण के लिए आवश्यक परीक्षण शुल्क में छूट की संभावना का पता लगाने के लिए डॉ इंद्रा मणि, प्रोफेसर और प्रमुख, कृषि मशीनरी, पूसा, नई दिल्ली की अध्यक्षता में राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी समिति का गठन किया गया है जो कि स्टार्टअप और इनोवेटर्स द्वारा कृषि मशीनरी निर्माता के परीक्षण के लिए परीक्षण शुल्क में छूट की संभावना का पता लगाएगी। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आरपी सिंह ने बताया कि इस राष्ट्रीय स्तर की समिति में कुल 6 सदस्य हैं और स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय से इंजीनियर विपिन लड्ढा हैं। इसके पीछे इस केंद्र का निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 2011 में स्थापित कृषि उपकरण और मशीनरी परीक्षण और प्रशिक्षण केंद्र भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मानकों की अनुपालना सुनिश्चित कर रहा है। इंजीनियर विपिन लड्ढा ने बताया कि कृषि मशीनरी निर्माता द्वारा बनाई गई विभिन्न श्रेणियों की मशीनों व यंत्रों के परीक्षण हेतु करीबन सवा से डेढ़ लाख रुपए तक की फीस आवश्यक होती है। केंद्र सरकार द्वारा स्टार्टअप एवं इन्नोवेटर्स को बढ़ावा देने की दिशा में इस फीस को किस हद तक कम किया जा सकता है यह बारे में संभावनाएं तलाशी जाएगी। स्टार्टअप और ईनोवेटर द्वारा निर्मित कृषि मशीनरी के परीक्षण के लिए शुल्क भुगतान करना होता है। इस कमेटी द्वारा आवश्यक परीक्षण शुल्क में छूट की संभावना का पता लगा लगाया जाएगा। समिति आवश्यकता पड़ने पर अन्य परीक्षण केन्द्रों से सदस्यों को सहयोजित करती हुई एक माह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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