बीकानेर,एस.डी.कॉन्वेंट नई दिल्ली की ओर से भुट््टों के चौराहे के पास संचालिक सेंट टरेसा किंडर गार्टन (स्कूल) का सिलवर जुबली समारोह रविवार को बीकानेर बॉयज स्कूल परिसर में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में नन्हें मुन्ने बच्चों ने आकर्षक वेशभूषा के साथ गुजराती डांडिया, पंजाबी भंगड़ा, देश के विभिन्न प्रदेशों के नृत्यों की प्रस्तुति दी। वहीं नृत्य के माध्यम से मोबाइल का सही इस्तेमाल करने, फास्ट फूड व जंक फूड का उपयोग नहीं करने, बुरी व गंदी आदतों से बचने, पर्यावरण की रक्षा करने का संदेश दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शिक्षिका एकता स्वामी की ओर से मूमल, घूंघटिया, नथ आदि लोक गीतों के प्रस्तुत भवई नृत्य था । उन्होंने नंगी तलवार, नुकीले कीलों, पारात आदि पर एक दर्जन से अधिक राजस्थानी गीतों के साथ नृत्य कर सराहना बटोरी । स्कूल की अध्यापिकाओं ने सामूहिक प्रार्थना गीत व स्वागत गीत तथा स्कूल की जुबली एंथम की प्रस्तुति दी।
मुख्य अतिथि रोमन कैथोलिक चर्च के बिशप, जयपुर के फादर रेवरन ओसवाल्ड जे.लेविस, विशिष्ट अतिथि प्रोविंशियल सुपिरियर क्रिस्ट ज्योति प्रोविन्स के रेवरन फादर साजू कुत्तोडिपुत्तनपुरियल, सी.एस.टी, बीकानेर पूर्व की विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी, एस.डी.कॉन्वेंट की प्रोविन्शियल सुपिरियर, पुष्पधाम दिल्ली की रेवरन सिस्टर स्मिता एस.डी. थीं। सभी अतिथि वक्ताओं व स्कूल के पूर्व छात्र आयुष पाराशर ने स्कूल की सेवाओं व सिस्टर के समर्पण की तारीफ की। एस.डी.कॉन्वेंट कि प्रोविंशियल सुपिरियर रेवरन सिस्टर स्मिता, स्कूल की प्रमुख सिस्टर लिस्मी व एस.डी.कॉन्वेंट की ओर से संचालिक शांति निवास वृद्ध आश्रम की प्रबंधक सिस्टर मैरिन व पुष्पधाम दिल्ली से आई सिस्टर्स ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किया। एस.डी.कॉन्वेंट कि प्रोविंशियल सुपिरियर रेवरन सिस्टर स्मिता ने बताया कि बीकानेर में सेंट टरेसा किंडरगार्टन (स्कूल) की स्थापना एक मार्च 1998 में व शांति निवास वृद्ध आश्रम की स्थापना नवम्बर 2003 में कॉन्वेंट की ओर से की गई। स्कूल व वृद्ध आश्रम में अभिभावकों, शिक्षिकाओं, विद्यार्थियों तथा बीकानेर के रोमन कैथोलिक चर्च, बीकानेर बॉयज स्कूल व सोफिया स्कूल के फादर व सिस्टर का अनुकरणीय सहयोग से 25 साल का सफर तय हुआ। किसी संस्थान का गोल्डन जुबली वर्ष अपने गौरव की बात है। उन्होंने फादर वेनरेबल फादर वर्गीस पयापिल्ली का स्मरण करते हुए कहा कि हमारा उद्धेश्य प्रभु यीशु के आदर्शों पर चलकर पीड़ित मानवता की निस्वार्थ भाव से सेवा करना व बच्चों को अधिकाधिक शिक्षित करना है।