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जयपुर। राजस्थान में पिछले कई महिनों से बंद पड़े कोचिंग इंस्टीट्यूट और कॉलेज अगस्त के पहले सप्ताह तक सशर्त खोले जा सकते हैं। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में विभिन्न कॉलेजों का वर्चुअली शिलान्यास उद्घाटन किया। इसमें सीएम की मौजूदगी में ष्ठ॥ मंत्री शांति धारीवाल ने कोटा में बंद कोचिंग सेंटर्स को खोलने की पैरवी की। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जल्द ही इस पर फैसला लेने की बात कही।
शांति धारीवाल ने कहा कि देश के हर कोने में कोटा की कोचिंग की वजह से पहचान बन गई है। यहां कोचिंग में पढऩे वाले हजारों स्ट्डेंट्स डॉक्टर, इंजीनियर, आईआईटीयन और अफसर बन रहे हैं। धारीवाल ने कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति देने की मांग की। ताकि बच्चों का भविष्य और करिअर संवारा जा सके।
वर्चुअली संवाद में धारीवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश व हरियाणा में कोचिंग संस्थान खोल दिए गए हैं। इसके अलावा आसपास के कई राज्यों ने भी अनुमति प्रदान कर दी है। ऐसे में राजस्थान में भी कोचिंग को सशर्त खोला जा सकता है। यानी जिन बच्चों ने कोरोना वैक्सीन का पहला या दूसरा टीका लगा लिया है। उन्हीं बच्चों को कोचिंग में आने की अनुमति दी जाए।
इसके अलावा बच्चे जिस भी कोचिंग सेंटर में जाना चाहे। वहां का सभी स्टॉफ भी वैक्सीन लगवा चुका हो। धारीवाल ने यह भी कहा कि पूरी तरह से वैक्सीनेशन होने से कोई खतरा नहीं होगा। बच्चों के परिजन भी उनको अनुमति दे देंगे। कोचिंग संस्थानों से हजारों लाखों लोगों के रोजगार भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन और कोरोना प्रोटोकॉल की पालना के साथ कोचिंग संस्थान खोलने से कोई खतरा नहीं है। ऐसे में सरकार को कोचिंग खोलने पर जल्द ही विचार करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा- जल्द ही आपके सुझावों पर विचार कर फैसला लेंगे*
धारीवाल की बात पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोटा का नाम पूरे देश में गांव गांव तक पहुंच चुका है। राजस्थान में कोटा एक ऐसी नगरी है, जहां कोचिंग क्लासेज के माध्यम से जो बच्चे निकलते हैं। वे देश दुनियां में नाम करते हैं। ऐसे में कोरोना काल में कोचिंग खोलने का जो सुझाव दिया है। उस पर जल्द ही फैसला लेने का विचार करुंगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अगस्त के पहले-दूसरे सप्ताह तक कोचिंग खोल दिए जाएंगे।

 

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