बीकानेर,नवनिर्मित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस हाई वे की गुणवत्ताहीन सड़क पर मौन रहे सभी तो बोले सीएम के ओएसडी इसलिए बीकानेर चाहे, लोकेश शर्मा आए
मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह बीकानेर की जनता के चहेते क्यों है? बीकानेर में उन्हें इतना स्नेह क्यों मिलता है? क्यों बीकानेर उन्हें पलक पावड़ों पर बिठाकर मान सम्मान देता है? और क्यों बीकानेर चाहता है कि उनका प्रतिनिधित्व लोकेश शर्मा करे।
कहते हैं ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती। इसमें दोनों हाथों का योगदान होता है। ठीक उसी तरह बीकानेर की जनता भी लोकेश शर्मा को यूं ही पसंद नहीं करती। लोकेश शर्मा भी समय-समय पर बीकानेर की आवाज बनकर पूरे जोश के साथ बात रखते हैं, चाहे सामने कोई हो।
इस बार भी ऐसा ही हुआ। लगभग 20 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतसर जामनगर एक्सप्रेस इकोनामिक कॉरिडोर के जिस भाग का लोकार्पण किया उसका एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। वास्तव में यह निर्माण बेहद घटिया क्वालिटी का था, जो बरसात के बिना ही टूट-फूट गया और एनएचएआई द्वारा आनन-फानन में नौरंगदेसर में रास्ता बंद कर दिया गया। एक बरगी इस मार्ग को पूर्णतया अनुपयोगी ही बना दिया गया। हालांकि एनएचआई द्वारा अपनी गलती को दबाने और ढकने के बहुत प्रयास हुए, लेकिन जब लोकेश शर्मा के समक्ष यह बात पहुंची तो उन्होंने पुरजोर तरीके से प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार पर सीधे सवाल जड़ दिए। उन्होंने उनके ट्वीट और फेसबुक सहित विभिन्न माध्यमों पर घटिया निर्माण पर सवालिया निशान लगाए और इसे इतनी गंभीरता से लिया गया एनएचएआई द्वारा इसे हाथों हाथ दुरुस्त करना शुरू कर दिया गया। वहीं सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार ने गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश तक दे डाले।
यह संभव हो पाया लोकेश शर्मा की तत्परता के कारण। वे बीकानेर के पहले जनप्रतिनिधि बने, जिन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री गडकरी को सीधे संबोधित करते हुए दमदार तरीके से बात रखी और उन्हें कार्यवाही के लिए मजबूर कर दिया।
बीकानेर को लंबे समय से ऐसे दबंग जनप्रतिनिधि की कमी महसूस हो रही थी, जो आम जनता की आवाज बने और कहीं ना कहीं लोकेश शर्मा ने इस कमी को दूर करने का प्रयास किया है। लोकेश शर्मा की इसी तत्परता ने बीकानेर के आम आवाम के दिल और दिमाग में उनका अलहदा स्थान बना दिया है, इसमें कोई दो राय नहीं है।