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जयपुर, प्रदेश की राजनीति में भूचाल लाने वाले फोन टैपिंग कांड को लेकर सोमवार को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से साढ़े 3 घंटे पूछताछ की। क्राइम ब्रांच ने 25 साल पूछे। सभी सवाल ऑडियो के सोर्स और फोन टैपिंग में सरकार और गृह विभाग के अफसरों की भूमिका को लेकर थे। पूछताछ के बाद शर्मा को छोड़ दिया गया। बता दें कि केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह

शेखावत ने इसी साल 25 मार्च को लोकेश शर्मा और पुलिस अफसरों के खिलाफ फोन टैपिंग, ऑडियो वायरल कर उनकी छवि खराब करने के मामले में केस दर्ज किया था। शर्मा ने एफआईआर को दिल्ली हाईकोर्ट में यह कहकर चुनौती दी थी कि मामला राजस्थान का है, इसलिए जांच वहीं होनी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने 13 जनवरी तक शर्मा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। दरअसल,पिछले साल जुलाई में पायलट कैंप की बगावत के समय विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो वायरल हुए थे। मामले ने इस साल मार्च में विधानसभा में तब तूल पकड़ा,जब संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने माना कि ये ऑडियो सीएम के ओएसडी ने फॉरवर्ड किए।

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