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बीकानेर,देश के मुखिया अशोक गहलोत ने बजट में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की घोषणा की थी. 15 नवंबर यानी आज से इसका श्रीगणेश होना था लेकिन सीएम के बिजी शेड्युल का साया हजारों स्कूली छात्रों के दूध पर पड़ गया.फिलहाल उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. क्या है इस बिजी शेड्युल की वजह! आइए जानते हैं.

जयपुर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिड डे मील में दिए जाने वाले दूध का अभी और इंतजार करना होगा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से समय नहीं मिल पाने के कारण फिलहाल योजना को स्थगित किया गया है. 15 नवंबर को प्रस्तावित दूध पाउडर वितरण कार्यक्रम का आदेश वापस ले लिया गया है. चूंकि सीएम गुजरात चुनावों के लिए कांग्रेस के मुख्य पर्यवेक्षक हैं और मसरूफियत वहां ज्यादा है. इस बिजी शेड्युल को ही एक कारण माना जा रहा है.

इस कार्यक्रम को फिलहाल रद्द करने की एक और वजह सामने आई है. वो है संस्कृत शिक्षा विभाग में स्कूल लेक्चरर पद की परीक्षा. दरअसल, प्रदेश में 15 नवंबर से 17 नवंबर तक ये परीक्षाएं होनी हैं और सरकारी स्कूलों में ही परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. लिहाजा स्कूल Engaged रहेंगे, सरकारी मशीनरी भी परीक्षाएं कंडक्ट कराने में व्यस्त रहेगी इसलिए तारीख टालना शायद बेहतर विकल्प माना गया.बाल गोपाल योजना: प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की सेहत सुधारने के लिए मिड डे मील खाने के साथ एक गिलास दूध पिलाने की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2022-23 की बजट घोषणा में योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन डिब्बे का गर्म दूध उपलब्ध कराने का एलान किया. इसके लिए 476.44 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय प्रावधान किया गया. दूध वितरण योजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 15 ग्राम दूध के पाउडर को 150 मिलीलीटर गर्म पानी में मिला कर दिया जाना तय किया गया.

इसके अंतर्गत कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों को भी 20 ग्राम दूध के पाउडर को 200 मिलीलीटर गर्म पानी में मिला कर दिया जाएगा. शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को मिड डे मिल के साथ दूध वितरण योजना की सभी तैयारियां शिक्षा विभाग की ओर से कर ली गई है. साथ ही कक्षा 1 से 5वीं और कक्षा 6 से 8वीं तक के बच्चों के लिए दूध की क्वालिटी और क्वांटिटी का निर्धारण भी शिक्षा विभाग की ओर से कर लिया गया है. सभी जिलों में दूध पाउडर की सप्लाई भी कर दी गई है. ऐसे में दावा है कि योजना के शुभारंभ होते ही सभी स्कूलों में एक साथ दूध वितरण करना शुरू कर दिया जाएगा.और तारीख टली: इस योजना को लागू करने के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की गई थी. 15 नवंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दूध पाउडर का वितरण कर बाल गोपाल योजना की शुरुआत करने वाले थे. अब ये मुमकिन नहीं है. हालांकि मिड डे मील के आयुक्त डॉ मोहन लाल यादव ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसी सप्ताह योजना की शुरुआत करेंगे.

कोरोना से लगा था ब्रेक: छात्रों को कुपोषण से बचाने और बेहतर स्वास्थ्य के उद्देश्य से पूर्व भाजपा सरकार की ओर से 2 जुलाई 2018 को अन्नपूर्णा दूध योजना की शुरुआत की गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जोबनेर के सरकारी स्कूल से इस योजना का आगाज किया था. जिसके तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के बच्चों को एक गिलास दूध का वितरण मिड डे मिल के दौरान किया जाता था. लेकिन कोरोना के प्रकोप से पहले ही सरकार की ओर से इस योजना को बंद करते हुए पौष्टिक सीजनेबल फल, गुड और चने की शुरुआत की. कोरोना का प्रकोप हुआ तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर छात्रों के लिए दूध वितरण योजना की शुरुआत करने का फैसला लिया.

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