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बीकानेर,अत्यधिक बारिश के बाद मच्छरों के लिए अनुकूल वातावरण के चलते प्रदेश भर में मच्छर जनित बीमारियों डेंगू-मलेरिया के फैलने की आशंका बढ़ गई है। जिले में भी हर क्षेत्र से इक्का-दुका केस रिपोर्ट होने लगे हैं। स्थिति को समय रहते भांपते हुए स्वास्थ्य विभाग एक माह से अलर्ट मोड में कार्य कर रहा है। मंगलवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मोहम्मद अबरार पंवार दलबल सहित ग्रामीण क्षेत्र के दौरे पर रहे। इस दौरान मुख्यतः कोडमदेसर के निकट डाईया गांव तथा गजनेर में मलेरिया-डेंगू नियंत्रण संबंधी गतिविधियों का जायजा लिया। दौरे पर उनके साथ एपिडेमियोलॉजिस्ट नीलम प्रताप सिंह राठौड़ व जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य मौजूद रहे। डाईया में हाल ही में मलेरिया पॉजिटिव आए चौथी कक्षा के बालक के घर व विद्यालय जाकर जमीनी हाल जाना। मौके पर ही एंटी लारवा गतिविधियां करते हुए ग्रामीणों को स्वयं जिम्मेदारी पूर्वक वह गतिविधियां करने का आह्वान किया। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय डाईया में समस्त स्टाफ व छात्र-छात्राओं को मच्छर के जीवन चक्र, बीमारियों के फैलाव, रोकथाम, एंटी लारवा व एंटी एडल्ट गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। लार्वा प्रदर्शन द्वारा उन्हें मच्छरों की पहचान भी बताई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गजनेर में संचालित निशुल्क जांच लैब में डेंगू-मलेरिया संबंधित हो रही जांचों का रिकार्ड देखा। डॉ अबरार ने फील्ड में एक्टिव सर्विलांस करते हुए अधिकाधिक केस ढूंढ निकालने और समय रहते उपचार शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही आईईसी गतिविधियां बढ़ाते हुए एंटी लारवा गतिविधियों में आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बड़े जल स्रोतों में गंबूसिया मछली डालकर प्रभावी नियंत्रण हासिल करने के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से कुशलक्षेम ली। इस अवसर पर अस्पताल प्रभारी डॉ दुर्गावती टाक, डॉ अंकिता सिंह, श्री राजूराम, श्री जोधसिंह, सीएचओ मोनिका आचार्य आदि मौजूद थे।

*मच्छरदानी सहित डेंगू मलेरिया रोगियों के लिए बैड व वार्ड होंगे आरक्षित*
सीएमएचओ डॉ अबरार ने मच्छर जनित रोगों के बढ़ने की आशंका के चलते सभी अस्पतालों को पुख़्ता तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में वार्ड व बेड भी आरक्षित किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल जस्सूसर गेट तथा जिला अस्पताल नोखा में एक-एक वार्ड आरक्षित किया जाएगा। उप जिला अस्पताल कोलायत, पूगल व श्रीडूंगरगढ़ में चार-चार बेड, सभी 20 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 2 बेड तथा 69 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक-एक बेड मच्छर जनित रोगों से संबंधित रोगियों हेतु आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं। इन बेड को मच्छरदानियों से सुरक्षित करते हुए फोटो सहित रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों से मांगी गई है।

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