
बीकानेर,देशभर में चल रहे टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के अंतर्गत सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज सभागार में सीएमई यानी कि सतत चिकित्सकीय शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला क्षय रोग निवारण केंद्र की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में नियंत्रक एवं प्राचार्य सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज डॉ गुंजन सोनी ने टीबी के प्रकार, उसकी संक्रामकता तथा आमजन में इसकी समझ की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह से ज्यादा खांसी होने, वजन कम होने जैसे लक्षण वाले मरीज की स्पूटम जांच अवश्य करवाई जाए। उन्होंने चिकित्सक समुदाय से देश को टीबी मुक्त बनाने में योगदान की अपील की। उपनिदेशक बीकानेर जॉन डॉ राहुल हर्ष ने टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के प्रमुख 6 स्तंभों पर प्रकाश डाला तथा सभी ग्राम पंचायत के लिए सतत प्रयास की आवश्यकता जताई। श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ माणक गुजराणी ने टीबी रोगियों को मिलने वाले प्रतिमाह ₹1000 सहायता तथा निक्षय पोषण योजना की जानकारी दी तथा सभी टीबी रोगियों को निक्षय मित्रों से जोड़ने हेतु प्रयास की आवश्यकता जताई। कार्यक्रम में जिला टीबी अधिकारी डॉ चंद्रशेखर मोदी, डॉ राजेंद्र सौगात तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ सुधांश खत्री द्वारा तकनीकी सत्र लिए गए जहां उन्होंने टीबी रोग को लेकर ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, नवीनतम जांच उपचार तथा उसकी वर्तमान स्थिति पर प्रेजेंटेशन दिया। सीएमई में अतिरिक्त प्राचार्य डॉ रेखा आचार्य, पीबीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुरेंद्र कुमार वर्मा, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश कुमार गुप्ता, डॉ नवल किशोर गुप्ता, डॉ ओ पी सुथार सहित विभिन्न विभागों के प्रोफेसर्स व रेजिडेंट्स ने हिस्सा लिया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला कार्यक्रम समन्वयक मालकोश आचार्य, जिला पीपीएम समन्वयक विक्रम सिंह राजावत, डीआरटीबी कोर्डिनेटर रामधन पंवार, लक्ष्मीकांत छंगानी, प्रताप सिंह सोढा, कर्णपाल सिंह, राजेश रंगा, राजेंद्र रामावत, चिराग सहित कार्मिक मौजूद रहे।