
बीकानेर,चूरू, चूरू में अन्नपूर्णा रसोई के नाम पर सीएम भजन लाल शर्मा की भावनाओं के साथ खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। चूरू में नगरपरिषद आयुक्त की मिलीभगत से अन्नपूर्णा रसोई भ्रष्टाचार की रसोई बन चुकी है। यह चर्चा जोरों से है कि पीएम नरेंद्र मोदी को क्या जवाब देंगे सीएम भजन लाल शर्मा ?
मिली जानकारी के अनुसार शहर में आधी से अधिक अन्नपूर्णा रसोई तो कागजों में ही खाना खिलाकर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचा रही हैं। नगर परिषद के कर्मचारी और अधिकारी एक फर्जी थाली के बदले 12 रुपए खाते हैं। रैन बसेरे वाली अन्नपूर्णा रसोई में सबसे अधिक फर्जीवाड़ा चल रहा बताया। दाल और आचार तो संचालक खुद ही खा जाते हैं। यहां कच्ची और जली हुई रोटियां परोसना आम बात हो गई है। सुबह की बची हुई सब्जी रोटी शाम की थाली में परोस देते हैं। ऐसे में गरीबों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है।इतना ही नहीं इन रसोईयों में काम करने वाले लोगों का भी संचालक शोषण करते हैं। समय पर भुगतान नहीं करते हैं। मजे की बात देखो सभापति पायल सैनी के बाद इनकी जांच करने कोई अधिकारी नहीं गया है। क्योंकि संबंधित अधिकारी फर्मों से दाम वसूलते हैं। इस कारण उनको खुली छूट दे रखी है। आयुक्त अभिलाषा सिंह को अवगत करवाने पर वे नफरत करने का ढोल पीटती हैं। ऐसी मोहब्बत भी किस काम की है, जो खुद सीएम को कटघरे में खड़ा कर दे। एसडीएम, एडीएम और कलेक्टर को तुरंत सभी अन्नपूर्णा रसोईयों की जांच करनी चाहिए। आखिर क्यों नहीं होती है जांच, यही सवाल कई और सवाल खड़े कर रहा है।