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बीकानेर,विगत 9 अगस्त से 14 अगस्त 2022 तक संपूर्ण भारत वर्ष में कांग्रेस के आज़ादी की गौरव यात्रा निकाली अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार बीकानेर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा भी 75 किलोमीटर की यात्रा संपूर्ण की गईं जिसमे अंतिम दिन विशाल तिरंगा यात्रा भी खास तौर से इन यात्राओं ने सम्पूर्ण भारत वर्ष में सच्चे और निष्ठावान कांग्रेस जनों की पहचान करवा दी

बीकानेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के लिए तो यह बात शत प्रतिशत सटीक बैठती है
पिछले विधानसभा चुनावों से पहले जब पार्टी विपक्ष में थी तब पांच वर्षो तक इसी जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन किए खासतौर से कुछ कार्यक्रम तो ऐसे थे जिनको प्रदेश कांग्रेस ने भी संज्ञान में लेते हुए संपूर्ण राजस्थान में ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश जारी कर दिए यही से यशपाल गहलोत के नेतृत्व को राजस्थान और भारत में पहचान मिलनी शुरू हुई और 2018 का विधानसभा का चुनाव आते आते राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की योजना के अनुसार राजस्थान में पांच जिला अध्यक्षों को टिकट दिया गया जिन्होंने विपक्ष में बेहतरीन कार्य किया और उसी सूची में यशपाल गहलोत का नाम प्रमुख था और उन्हें टिकट भी मिली एक जगह हटाई तो दूसरी जगह दी, फिर क्या क्या हुआ इस पर फिर कभी बात करेंगे
दो दो टिकट और दोनो विधानसभा के सिंबल यशपाल गहलोत के हाथो में होने के बावजूद भी इस युवा जिला अध्यक्ष ने पार्टी के निर्णय का स्वागत किया और दोनो ही सिंबल पुनः कांग्रेस पार्टी को जमा करवा दिए और सत्य कह रहा हु की अगर यशपाल की जगह कोई और होता तो ऐसा नहीं करता वो पार्टी को परेशान करता सौदेबाजी करता लेकिन यशपाल जो की संगठन के प्रति निष्ठा और समर्पण का दूसरा उदाहरण है उसने ऐसा नही किया लेकिन बीकानेर की राजनीति में दिवंगत भवानीशंकर शर्मा के बाद रिक्त पड़े नेतृत्व को एक नया चेहरा मिला राजनीति में भवानीशंकर शर्मा का क्या कद था और प्रदेश के मुखिया के वरद हस्त के चलते बीकानेर के काबीना मंत्री और उनके संबंधों को राजनीति के जानकार अच्छे से जानते है लेकिन यशपाल गहलोत को भी सहज कर नहीं रख पाने की गलती ने बीकानेर कांग्रेस को एक एक बार फिर पुराने दौर में लौटा दिया जहा एक तरफ कांग्रेस थी और दूसरी तरफ व्यक्तिश कांग्रेसी
खेर बीकानेर की राजनीति में अब ये स्थापित हो गया की यशपाल गहलोत जो की संपूर्ण कांग्रेस को साथ लेकर चल रहे थे और दूसरी तरफ एक बार फिर से वही जमात सरकार के साथ चलने लगी जो की अवसरवादी है जिनको कांग्रेस से कोई मतलब नहीं जिनका ध्येय हमेशा से सरकार के नुमाइंदों से चिपका रहना होता है
कालांतर से चली आ रही इस परंपरा को अधिक महत्व इस बार मिला क्योंकि संगठन के प्रति समर्पित व्यक्ति यशपाल के साथ था और यशपाल और सरकार के स्थानीय नेतृत्व के बीच की जोर आजमाइश सबको पता है राजनेतिक नियुक्तियों में यशपाल को महत्व मिलना उनका शीर्ष नेतृत्व पर भरोसा दर्शाता रहा है भरोसा तो तब भी अधिक प्रभावी हो गया जब अपनी सम्पूर्ण ताकत और राजनेतिक संबंधों को आजमा कर भी जिला अध्यक्ष का पद यशपाल से निकल नही पाया
लेकिन फिर भी हर बार की तरह अलग अलग समुदायों से लेकर राजनेतिक विरासत के नाम पर आधे दर्जन से अधिक जिला अध्यक्ष बीकानेर में खड़े कर दिए गए जिनके बारे में अलग अलग कसीदे गड़े गए उनकी सामाजिक कार्य गिनवा दिए गए और तो और प्रोफेसनल पदो को राजनेतिक पदो से जोड़कर देखने की अदा भी जिला निर्वाचन अधिकारी के सामने पेश कर दी गई और फिर से एक बार बीकानेर में जिला अध्यक्ष को लेकर हल्ला बोल कार्यक्रम आयोजित होने लगे

इस पूरी बात को बताने के बाद अब विषय पर आता हूं

पहले की दो पाती में मैने जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत के मायने रखे थे उसी को आगे बढ़ाते हुए हाल ही में संपन्न आज़ादी की गौरव पदयात्रा को सफलतम संपूर्ण करने की जिम्मेदारी अकेले यशपाल ने निभाई उसी यशपाल गहलोत ने जिसने पार्टी के उदयपुर चिंतन शिविर के निर्णय का स्वागत करते हुए हाल ही में जिला तीसरी बार घोषित होने के बावजूद इस्तीफा दे दिया और पता है की जिला अध्यक्ष हो सकता है कोई नया आए तब भी उसने जिमेदारि को निभाया और हर बार की तरह साथ दिया निष्ठावान ओर पार्टी के प्रति समर्पित उन कार्यकर्ताओं ने जिनके लिए संगठन और संगठन के कार्य महत्वपूर्ण होते है
कार्यक्रम कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का लेकिन अफसोस है की से सभी लोग जिनको अध्यक्ष पद चाहिएं जिनके लिए पार्टी महत्वपूर्ण है जिनके लिए निष्ठा शब्द पार्टी केलिए बार बार दोहराया जाता है वे सभी लोग और उनके सरनेम के परिवार के लोग उनके साथ चलने वाले तथाकथित कांग्रेसी लोग इस पूरी यात्रा में कही नही दिखे और कुछ कुछ लोग सिर दिखावे के लिए रस्म अदायगी के लिए नजर आए
अरे भैया ये यशपाल गहलोत का नही कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा घोषित कार्यक्रम है और इसमें आपकी दूरी ये साबित करती है की सच्चा कांग्रेसी होना और छदम कांग्रेसी होने में क्या फर्क है राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व को पता था की बीकानेर में हालात बहुत खराब है फिर भी अगर पार्टी के कार्यक्रम को अगर कोई सफल कर सकता है तो वो है यशपाल गहलोत और उसके साथ पार्टी का झंडा थामे पार्टी के सच्चे सिपाही
आज वास्तव में मन से सलाम कर रहा हु उन सभी कांग्रेस्जनों को जिन्होंने कांग्रेस को बीकानेर में जिंदा रखा बिना किसी स्वार्थ के और सबसे बड़ी बात की प्रदेश नेतृत्व के सामने अवसर वादी ताकतों द्वारा आरएसएस के लोग घोषित कर दिए जाने के बाद भी उन्होंने पार्टी को अपना सर्वस्व दिया समर्पण दिया समय दिया और अंतिम दिन निकली विशाल तिरंगा यात्रा को नही जाने के आदेश के बावजूद कार्यक्रम को सफल बनाया उनको हरदय से साधुवाद

यशपाल गहलोत को बार बार चुनौती देने वाले और उसके नेतृत्व पर उंगली उठाने वालो को एक बार फिर बीकानेर कांग्रेस ने जवाब दिया है की सबको जोड़कर रखना सबके साथ सबको लेकर चलने वाला अगर कोई नाम है तो वो है यशपाल गहलोत और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भी इस बात के लिए उनको व्यक्तिश बधाई दी है की उन्होंने एक बार फ़िर खुद को साबित किया है

रोशन अगर चिराग परवरदिगार करता है
फिर भी बुझा नही पा बुद्जिल प्रयास चाहे लाख करता है
ये तो वो कारवां है जो चेहरे पर कफन ओढ़कर चलता है
क्योंकि अपनी मेहनत और सत्य पर चलने वाला इतिहास रचता हैइतिहास रचता है

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