बीकानेर,राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला उपखंड में एसडीएम के व्यवहार से तंग आकर अधिवक्ता हंसराज मावलिया द्वारा उसके सामने ही आत्महत्या करने की मार्मिक घटना पर शहर भाजपा ने गहरा दुख जताते हुए प्रदेश की कांग्रेस सरकार में भ्रष्ट अधिकारियों को खुला संरक्षण मिलने का आरोप लगाया है।
जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि अधिवक्ता हंसराज की आत्महत्या कांग्रेस राज में उपखंड स्तर के दफ्तरों में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है। राजस्थान में मौजूदा अशोक गहलोत की सरकार में मंत्री और क्षेत्रीय विधायक ही सबसे ज्यादा हावी हैं और अधिकांश एसडीएम और भ्रष्ट अधिकारियों की नियुक्तियां राजनैतिक संरक्षण के चलते इन्हीं की सिफारिश से ही होती है।
सिंह ने कहा कि जिला और उपखंड स्तर पर मेरिट के आधार पर वकालत करने वाले अधिवक्ताओं के प्रकरणों में कानून के अनुरूप निर्णय नहीं होते और एक ही प्रवृत्ति के मुकदमे में अलग अलग निर्णय होते हैं। ऐसे निर्णयों के संबंध में जब मावलिया ने एसडीएम के समक्ष एतराज किया तो खंडेला के थानाधिकारी घासीराम ने उल्टे मावलिया को ही धमकाया जो की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है ।
प्रदेश कार्यसमिति सस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने अधिवक्ता आत्महत्या प्रकरण पर अफ़सोस जताते हुए कहा कि कांग्रेस राज में एसडीएम की कार्यशैली से तंग आकर जब कानून के जानकार वकील को आत्महत्या करनी पड़ रही है तब प्रकरण से जुड़े आम व्यक्ति की पीड़ा का अंदाजा लगाया जा सकता है। एक वकील तंग आकर एसडीएम के समक्ष ही आत्महत्या कर ले तो इससे ज्यादा शर्मनाक बात नहीं हो सकती ।
जिला महामंत्री मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, नरेश नायक, जिला उपाध्यक्ष एड. अशोक प्रजापत, मधुरिमा सिंह, जिला मंत्री अरुण जैन, जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य, कौशल शर्मा, प्रोमिला गौतम, इन्द्रा व्यास इत्यादि पदाधिकारियों ने भी मावलिया आत्महत्या प्रकरण पर गहरा अफ़सोस व्यक्त करते हुए कांग्रेस राज में भ्रष्ट अधिकारियों को खुल्लम खुल्ला राजनैतिक संरक्षण मिलने की बात कही है ।