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बीकानेर । भारतीय जनता पार्टी शहर जिला बीकानेर के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में पीबीएम चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. परमेन्द्र सिरोही से मुलाकात कर डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों के प्रकोप के कारण बेपटरी और लड़खड़ाई हुई चिकित्सा व्यवस्था को तुरंत सही करने की मांग के साथ विरोध दर्ज करवाते हुए ज्ञापन दिया । भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार को डेंगू से निपटने में पूरी तरह से फेल बताते हुए डेंगू के मरीजों से निजी अस्पतालों व लैबों द्वारा लिए जा रहे मनमाने दामों पर एक्शन लेने की बात कही ।

जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि राजस्थान के प्रत्येक जिले के सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों के बाहर डेंगू मरीजों की कतारों ने राज्य सरकार की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है ।

उन्होंने कहा कि गत एक माह से पूरे बीकानेर शहर में मौसमी बीमारियों विशेष रूप से डेंगू का प्रभाव बढ़ रहा है जिससे ग्रसित होकर बड़ी संख्या में रोगी लगातार बढ़ रहे हैं परन्तु उसके अनुपात में चिकित्सा व्यवस्थाओं का पूर्णतया अभाव है । अस्पताल में एक बेड पर दो या उससे भी ज्यादा मरीज भर्ती किए जा रहे हैं और मरीजों को बेड के अभाव में वार्ड की गैलरी तक में लिटाया जा रहा है।

सिंह ने कहा कि संभाग के सबसे बड़े अस्पताल की यह स्थिति चिंताजनक और भयावह है । उन्होंने कहा कि शिशु वार्ड और अन्य वार्डों में जीवन रक्षक उपकरण, चिकित्सकों द्वारा मरीजों के इलाज के प्रति उदासीनता, सेवाभाव में कमी एवं असहयोग की शिकायतें भी लगातार मरीजों और उनके परिजनों से प्राप्त हो रही है ।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि वार्डों में वरिष्ठ चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की उचित सेवाओं का अभाव और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति में कमी बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में एनएस, डीएनएस जैसे सामान्य फ्लूड सहित अन्य जीवन रक्षक दवाइयों की आपूर्ति भी सही ढंग से नहीं हो रही है ।

डॉ. आचार्य ने अधीक्षक से वरिष्ठ चिकित्सकों को वार्ड में लगातार ड्यूटी के लिए पाबंद करने की बात कहते हुए मांग रखी कि संबंधित व्यक्ति का तुरंत सैंपल लिया जाकर कोरोना रिपोर्ट की भांति उसे जल्द से जल्द मोबाइल पर एस.एम.एस. भेजने की व्यवस्था की जाए । उन्होंने कहा कि भर्ती करने योग्य मरीजों को भी चिकित्सा स्टाफ द्वारा भर्ती नहीं किया जा रहा और उसे भ्रमित कर वापिस घर भेज दिया जाता है ।

जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा कि ब्लड बैंक में स्टाफ का अभाव, समय पर प्लेटलेट्स की उपलब्धता नहीं होने और मरीजों को भर्ती करने में उदासीनता बरती जा रही है साथ ही डेंगू की जांच रिपोर्ट काफी देरी से 2-3 दिनों में मिल रही है तब तक मरीज की हालत काफी खराब हो जाती है । उन्होंने कहा कि उचित देखभाल और समन्वय की कमी के चलते डेंगू में कुछ मरीजों की जान भी गई है ।

जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत ने डेंगू की जांच का विकेंद्रीकरण करते हुए तुरन्त यूपीएचसी स्तर पर जांच की व्यवस्था लागू करने की बात कही ताकि पीबीएम और जिला अस्पताल पर दबाव कम हो सके । उन्होंने आवश्यकतानुसार अतिशीघ्र अस्थायी स्टाफ को लेने की मांग भी रखी ।

जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य ने मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में दवाओं की सुलभ आपूर्ति, वितरण और डीडीसी तक उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग रखी ।

मंगलवार को पीबीएम अधीक्षक से मिलने वाले भाजपा प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह के साथ प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, जिला महामंत्री मोहन सुराणा, जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत, जिला मंत्री अरुण जैन, जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य, मंडल अध्यक्ष अजय खत्री, नरसिंह सेवग, विनोद करोल, जेठमल नाहटा, एससी मोर्चा अध्यक्ष सोहनलाल चांवरिया, मघाराम नाई, विश्वजीत सिंह, विजय कुमार शर्मा, प्रमोद खत्री, विमल पारीक इत्यादि सम्मिलित रहे ।

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