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CID-CB ने दो सांसद और एक विधायक सहित दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ चालान पेश करने के आदेश जारी कर दिए हैं। यह मामला वर्ष 2019 में बांदीकुई रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोकने, राजकार्य में बाधा, सरकारी और रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, पुलिसकर्मियों पर पथराव करने का है। सीआईडी सीबी के एसपी शरद चौधरी ने सभी नामजद लोगों को राज्य सभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, सांसद हनुमान बेनीवाल और विधायक गोपीचंद मीणा सहित दो दर्जन लोगों को दोषी माना है। इस सम्बंध में पुलिस अधीक्षक जीआरपी अजमेर को चालान पेश करने के आदेश दिए हैं। अब जांच अधिकारी को 15 दिन में चालान पेश कर रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय भेजनी होगी।

3 साल तक चलती रही जांच

दौसा कोतवाली के तत्कालीन सीआई गणपतराम की रिपोर्ट पर दर्ज हुए मामले में 3 साल बाद CID-CB की जांच पूरी हुई है। जिसके बाद सीआईडी ने जांच रिपोर्ट को पुलिस अधीक्षक अजमेर को भेज दी है। गणपतराम ने रिपोर्ट में बताया था कि थानागाजी, अलवर में हुई सामूहिक गैंगरेप की घटना के विरोध में 15 मई 2019 को किरोड़ी लाल मीणा, हनुमान बेनीवाल विधायक गोपीचंद ने संत सुंदर दास स्मारक पर विरोध सभा की थी। सभा के बाद किरोड़ी और उनके समर्थकों ने कुछ समय में ही बांदीकुई रेलवे ट्रेक पर कब्जा कर लिया था। किरोड़ी को ट्रैक खाली करने के लिए कहा तो उन्होने और उनके समर्थकों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। जिस में 11 पुलिसकर्मी घायल हो गए। साथ ही पुलिस के हथियार टूट गए। पथराव से रेलवे स्टेशन पर भी भारी नुकसान हुआ। मामले में पुलिस ने 71 लोगों को नामजद कर 700 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया था।

सीआईडी सीबी ने माना है जांच में दोषी

सीआईडी सीबी ने अपनी जांच में 28 लोगों को दोषी माना है। जिस में रामेश्वर प्रसाद बैरवा, मौजीराम मीणा, नटवर लाल, राजेश मीणा, मानसिंह मीणा, बाबूलाल मीणा, गोपाल ठाकरिया, संतोष मीणा, अंतो मीणा, महेंद्र मीणा, प्यार सिंह मीणा, हेमू उर्फ हेमंत मीणा, सूखा मीणा, हितेश्वर बैरवा, महेन्द्र चांदा, लोकेश कुमार मीणा, सिकंदर पंजाबी, शाहनवाज उर्फ सन्नी खां, रवि मीणा, अरबाज, विजय मीणा, लक्ष्मीनारायण बैरवा, मोनू, राजेश मीणा, भूरा उर्फ रामसिंह मीणा के खिलाफ 147,148,149, 332, 353, 336, 3 पीडीपीपी एक्ट एवं धारा 145,153,174 रेलवे एक्ट में चालान का निर्णय लिया गया है।

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