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जयपुर में साई प्रकाश कंपनी इंवेस्टमेंट के नाम पर लोगों से करोड़ो रुपए लेकर ऑफिस में ताला लगाकर फरार हो गई। कंपनी ने पहले तो लोगों को आर्गेनिक फूड्स, कॉपरेटिव सोसायटी में निवेश करने के जाल में फंसाया। उन्हें जल्द ही मोटे मुनाफे का लालच दिया। लोगों ने रुपए मांगने शुरू किए तो कंपनी ऑफिस छोड़ कर भाग गई। ठगी करोडों रुपए में हुई है। जयुपर के जालुपुरा थाने में कंपनी के सीएमड़ी, पार्टनर सहित 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। कंपनी ने नोएड़ा, जयपुर, भरतपुर, झुंझुनूं सहित कई जिलों में ऑफिस खोल रखे है। एसआई मंजू तंवर मामले की जांच कर रही है।

मुरलीधर सैनी निवासी गांव महारकलां चौमू ने बताया कि साईं प्रकाश प्रोपर्टीज डवलपमेंट के नाम से जयपुर में संसारचंद्र रोड पर ऑफिस खोला था। कंपनी का CMD पुष्पेंद्र सिंह बघेल है और CEO रविराज, GM संजीव पांडे, COO सरवर खान, CGM रामकिशन सैनी, वाइस प्रेजीडेंट विनय सक्सेना, आशीष दत्ताराम, नवनीत जौहरी है। ये सभी नोएड़ा ऑफिस में बैठते है। मुरलीधर ने बताया कि कंपनी का पहले जयपुर में ऑफिस था। बाद में नोएड़ा में भी ऑफिस खोल दिया गया। इसके बाद भारत में कई जगहों पर कंपनी की ब्रांच खोली गई। जयपुर में RM वरूण, GM जितेंद्र त्रिपाठी, ZM सुरजीत वर्मा, EM सुभाष बैरवा, सोफा देवी, अशोक कुमार व हेमंत कुमावत है।

कई कंपनी खोल कर इंवेस्ट कराया

पुष्पेंद्र ने लोगों को झांसा देने के लिए एक-एक कर कई कंपनी खोल ली। उसने साईं प्रकाश फाइनेंशियल एडवाईजरी, साईप्रकाश प्रॉपर्टी डवलपमेंट, साई प्रकाश आर्गेनिक फूड्स, चंबल मालवा मल्टी स्टेट क्रेडिट कॉपरेटिव, अन्योदय प्रोडयूसर लिमिटेड़ बना ली। ये चिटफंड व चेन सिस्टम बनाकर व्यापार करती है। लोगों को आर्गनिक फूड्स व कॉपरेटिव सोसायटी में मुनाफे का लालच देकर कंपनी में सदस्य व एजेंट के रूप में जोड़ती है। उन लोगों से भी चेन सिस्टम से अन्य लोगों से संपर्क कर कंपनी में इंवेस्ट करवाने के लिए बोलती है। अधिक रुपए लगाने पर लोगों को सेमिनार में सम्मानित कर फंसाते है।

सेमिनार कर लोगों को जोड़ते

ये कंपनी का अलग-अलग शहरों में जाकर सेमिनार करते थे। मुरलीधर से भी अलग-अलग कर लाखों रुपए चौमू व झुंझुनूं में इंवेस्ट करने के नाम पर ले लिए। यहां पर ब्रांच खरीदने का दावा किया था। उन्हीं रुपयों से भरतपुर में भी प्रॉपर्टी खरीदी गई। ये लोगों को फंसाने और रुतबा जमाने के लिए बड़े-बड़े नेताओं के साथ तस्वीर खींच कर ऑफिस में लगाते है।

ऑफिसों में चक्कर लगा रहे लोग

मुरलीधर ने बताया कि उसके कई परिचितों ने कंपनी में एक साल के लिए इंवेस्ट के नाम पर रुपए जमा कराए थे। एक साल पूरा होने के बाद रुपए लेने पहुंचे तो हैड ऑफिस व ब्रांच ऑफिस बंद मिले। पहले कई महीनों से जल्द रुपए देने का झांसा दे रहे थे। वे ऑफिस पहुंचे तो पता लगा कि काफी लोगों के रुपए लेकर कंपनी मालिक फरार हो गए। अब रुपए भी नहीं मिल रहे है। रोजाना काफी लोग ऑफिस में चक्कर लगा रहे है।

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