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बीकानेर,दिल का दौरा पड़ने की आशंका में हल्दीराम हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती एक मरीज को डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी का सुझाव दिया। उनसे चिरंजीवी योजना में पंजीयन मांगा गया था जो नहीं बना।जन-आधार कार्ड बनवाया। भामाशाह या गरीब परिवार के न होने के कारण उसे जरूरतमंद समझकर मुफ्त इलाज नहीं कराया जा सकता है। जब मरीज और उसके परिजनों ने इलाज का खर्चा उठाने की पेशकश की तो डॉक्टर ने कहा कि ऐसा इलाज केवल राज्य के बाहर के लोगों को ही दिया जा सकता है.

दो दिन तक संघर्ष किया और आखिरकार इस मरीज को एक निजी अस्पताल में जाकर एंजियोग्राफी करवानी पड़ी। कलेक्टर की मौजूदगी में हुई बैठक में पूरे घटनाक्रम समेत ऐसे कई मामलों का जिक्र भी किया गया. यह सिर्फ एक उदाहरण है। पीबीएम अस्पताल में इस तरह के मामले आए दिन देखने को मिल रहे हैं। कई आर्थोपेडिक मरीज अपने प्रत्यारोपण के लिए लंबे समय तक इंतजार करने के बाद लौट आए हैं।

कारण, ऐसे इम्प्लांट महंगे होते हैं। निरोगी राजस्थान में भी अस्पताल प्रशासन के पास सीमित बजट है। ऐसे में बड़ी राहत बनकर आई चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना ऐसे लोगों के लिए आफत बन रही है जो अचानक बीमार हो गए हैं और योजना में पंजीकृत नहीं हैं।

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