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बीकानेर, हिन्दी राजस्थानी के ख्यातनाम साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में प्रति माह 9 तारीख को होने वाले मासिक साहित्यिक सृजनात्मक कार्यक्रमों के क्रम में इस माह बालकों को समर्पित बाल काव्य गोष्ठी का आयोजन आज प्रातः नालन्दा सृजन सदन में आयोजित हुआ।

कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा प्रतिष्ठित शिक्षाविद् भी रहे उनका यह कथन था कि ’बालक ही भविष्य है’ उन्हीं की भावनाओं को ध्यान में रखकर बाल काव्य गोष्ठी के अतिथि बालकों को ही रखा गया और कविता वाचन करने वाले एवं बतौर श्रोता भी बालक ही रहे।
आज का आयोजन प्रज्ञालय संस्थान एवं श्रीमती कमला देवी रंगा-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट द्वारा पूर्व की भांति आयोजित किया गया। बाल काव्य गोष्ठी में करीब 1 दर्जन से ज्यादा बालकों ने अपनी सृजनात्मक सहभागिता निभाते हुए बाल कविताओं का वाचन किया। जिसमें प्रमुख रूप से मोबाईल हमारे गुरूजी हमारी स्कूल, खेल-खेल में, पर्यावरण आदि विषयों को केन्द्र में रखकर छोटी-छोटी बाल कविताओं ने बाल श्रोताओं को मंत्र-मुग्ध कर दिया।
प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में आयोजित होने वाले मासिक कार्यक्रम के तहत पूर्व में गौशाला में श्रम दान, पौधारोपण, 6 युवा प्रतिभाओं का युवा प्रज्ञा सम्मान अर्पण कार्यक्रम, युवा रचनाकार की पुस्तक का लोकार्पण एवं गत माह की 9 तारीख को बालकों के लिए वाद-विवाद का आयोजन रखा गया था।
कार्यक्रम में नालन्दा पब्लिक सी.सै स्कूल की करूणा क्लब का पूर्ण सहयोग रहा। अंत में करूणा क्लब के प्रभारी हरिनारायण आचार्य ने सभी का आभार ज्ञापित किया।

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