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बीकानेर,संस्थान के संचालक जेठाराम ने मूक बधिर बच्चों को sign language में कहा कि शहीद दिवस पर भारत माता के अमर सपूत वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को कोटि-कोटि नमन. मातृभूमि के लिए मर मिटने का उनका जज्बा देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।

अध्यापक राहुल वर्मा ने बताया कि आज से करीब 90 साल पहले भारत के महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगत सिंह को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांसी दी गई। इसी दिन भगत सिंह के साथ सुखदेव था और शिवराम राजगुरु ने भी भारत की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया। इन तीनों लोगों की शहादत को याद करने के लिए हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है।

भारत माता के लिए उन्होंने अपने जान की कुर्बानी दी थी। युवाओं के लिए भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव आज भी सबसे बड़े प्रेरणा स्रोत हैं। जनता के बीच तीनों बेहद लोकप्रिय हैं। कार्यक्रम में देवा राम कुमावत, अनिल शर्मा, रविकुमार, मुस्तफा खान आदि मौजूद रहे।

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