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बीकानेर, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावों के दौरान बाल विवाह नहीं हो, इसके लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी मुस्तैदी रखी जाए। बाल विवाह की सूचना मिलते ही तत्काल कार्यवाही की जाए।
जिला कलक्टर बुधवार को बाल विवाह की रोकथाम संबंधी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज, बाल विवाह के अभिशाप से मुक्त हो, यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा बाल विवाह की रोकथाम के लिए विभिन्न कानून बनाए गए हैं। इन कानूनों की अक्षरशः पालना करवाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रावधानों के अनुसार बाल विवाह करना तथा इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष भागीदारी निभाना अपराध है। ऐसा करने वाले लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए।
जिला कलक्टर ने कहा कि बाल विवाह होने की स्थिति में अभिभावक, टेंट व्यवसायी, बैंड वादक, हलवाई, होटल एवं भवन संचालक, पंडित, प्रिंटिंग प्रेस संचालक सहित इसमें भाग लेने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
उन्होंने विभिन्न संस्थाओं, धर्मगुरुओं तथा आमजन का आह्वान किया कि बाल विवाह के विरुद्ध सघन चेतना जागृत करने में भागीदारी निभाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सेवक, पटवारी, अध्यापक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी आदि इस पर नजर रखें। स्कूलों में बाल विवाह के दुष्परिणाम के बारे में बताया जाए तथा बाल विवाह की जानकारी मिलने पर टोल फ्री नंबर 1098 पर तत्काल सूचना दी जाए।
इस दौरान उन्होंने बाल विवाह के विरुद्ध जागरूकता से संबंधित पोस्टर का विमोचन किया।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) अरुण प्रकाश शर्मा, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी, उपनिदेशक (महिला एवं बाल विकास) शारदा चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी. पंवार, महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. किरण सिंह, किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य किरण गौड़, चाइल्ड हेल्पलाइन के चेनाराम, बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल के सचिव वीरेंद्र किराडू, होटल एसोसिएशन के सचिव डॉ प्रकाश ओझा, गुरुद्वारा सिंह सभा रानी बाजार के सचिव गुरविंदर सिंह, एनजीओ ऐप्सआर के प्रभारी मनोज कुमार, एनजीओ युवा भारत संस्थान के प्रबंधक राजा भाटी आदि मौजूद रहे।

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