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जयपुर, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को आज पत्र लिखकर प्रदेश में किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया खाद मुहैया कराने का आग्रह किया है। श्री गहलोत ने स्वीकृत आवंटन के अनुपात में प्रदेश को यूरिया की अपर्याप्त आपूर्ति की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है।

इसके पूर्व मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने भी केन्द्रीय कैबिनेट सचिव श्री राजीव गाबा को पत्र लिखकर एवं दूरभाष पर वार्ता करके राज्य को यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने हेतु आग्रह किया था। प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं आयुक्त कृषि भी केन्द्रीय उर्वरक मंत्रालय जाकर यूरिया खाद की कम आपूर्ति के कारण प्रदेश के किसानों को आ रही कठिनाइयों से अवगत करा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार द्वारा हर सप्ताह की जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस में भी राज्य सरकार यूरिया की आपूर्ति बढ़ाने के लिए आग्रह करती रही है। इन प्रयासाें के परिणाम स्वरूप भारत सरकार ने दिसम्बर माह में 3.52 लाख मैट्रिक टन यूरिया के आवंटन की पूर्ण आपूर्ति किये जाने एवं राज्य को प्रतिदिन कम से कम 5 रैक यूरिया जिसमें 15000 मैट्रिक टन मात्रा आती है, उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है।

उल्लेखनीय है कि राज्य में रबी सीजन के दौरान सामान्यतः 90 से 95 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई होती है, जिसके लिए 13.50 लाख मैट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता रहती है। इस वर्ष सितम्बर महीने के अन्त में अच्छी वर्षा होने की वजह से सरसों एवं चने की बुवाई अधिक क्षेत्र में हुई है। जिसके चलते इस बार बुवाई क्षेत्र 1 करोड़ हैक्टेयर रहने का अनुमान है। राज्य में सरसों का क्षेत्र औसतन 27 लाख हैक्टेयर रहता था, जो इस वर्ष बढ़कर 33 लाख हैक्टेयर तक रहने का अनुमान है। रबी की बुवाई के दौरान राज्य को डीएपी उर्वरक की कम आपूर्ति होने के चलते किसानों ने विकल्प के तौर पर सिंगल सुपर फास्फेट एवं यूरिया का उपयोग किया। जिसके कारण राज्य में यूरिया की आंकलित मांग 13.50 लाख मैट्रिक टन से बढ़कर 14.50 लाख मैट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है।

इस मांग की पूर्ति के लिए भारत सरकार द्वारा माह अक्टूबर एवं नवम्बर 2021 में 8 लाख मैट्रिक टन यूरिया की मांग को स्वीकृत किया गया लेकिन आपूर्ति मात्र 5.52 लाख मैट्रिक टन की ही करवाई गई, जिसके कारण नवम्बर माह के अन्त तक राज्य में आवंटन के विरूद्ध 2.48 मैट्रिक टन यूरिया की कमी उत्पन्न हो गई। कई क्षेत्रों में माह नवम्बर में व्यापक वर्षा के कारण एक साथ यूरिया की मांग का आना एवं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत मांग से भी कम आपूर्ति करना कृषकों के लिये परेशानी का कारण बना।

कृषि विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे भण्डारण करने की बजाय अपनी आवश्यकता के अनुसार ही पीओएस मशीन के जरिए निर्धारित 266.50 रूपये प्रति बैग की दर से ही यूरिया खरीदें। कहीं जमाखोरी, कालाबाजारी या मुनाफाखोरी की जानकारी मिले तो स्थानीय कृषि विभाग या जिला प्रशासन को सूचित करें, जिससे कि ऎसे लोगों के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जा सके।

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