बीकानेर,माननीय मुख्यमंत्री जी। आपने बीकानेर कोटगेट और सांखला क्रासिंग पर 35 करोड़ की लागत से अंडर ब्रिज की स्वीकृति दी है। यह जान लें कि रानी बाजार रेलवे क्रासिंग पर अंडर ब्रिज 23 फरवरी 2023 को पूरा होना था। अभी तक बना नहीं है। आप मौके की रिपोर्ट तो दिखवा लो। । मुख्यमंत्री के नाते स्वीकृति विकास योजना के क्रियान्वयन पर निगरानी रखना सरकार की जिम्मेदारी है। रानी बाजार रेलवे क्रासिंग पर अंडर ब्रिज के प्रति सीधे सीधे न्यास अध्यक्ष कम जिला कलक्टर जिम्मेदार है। इस अंडर ब्रिज बनाने में योजनागत खामी होने से निर्माण का काम उलझ गया है। इस सड़क पर पुरानी सिवरेज लाइन है। योजना बनाते समय इस सिवरेज की लोकेशन चिन्हित नहीं हो सकी। सिवरेज का नगर निगम को नक्शे की फाइल ही नहीं मिली। नगर निगम के अधिशासी अभियंता के पास न्यास का भी चार्ज है। जिला कलक्टर न्यास के अध्यक्ष है उन्होंने किस आधार पर अंडर ब्रिज बनाने की कार्य योजना को स्वीकृति दी। जब काम शुरू हुआ तो सिवरेज की लाइन फाइल पर बताई गई स्थिति से इतर पाई गई। अब इतनी तकनीकी दिक्कते है कि न निगलते बनता है और न उगलते। पिछले चार माह से क्रासिंग के पास की सड़क सिवरेज पानी का तालाब बना है। इस सड़क के नागरिक व्यवसायिक सभी पूरी तरह अंडर ब्रिज के विकास की भेंट चढ़ गए हैं। काम अभी भी बारिश से पहले पूरा होना मुश्किल है।
मुख्यमंत्री जी आज आप की काबिलियत का चहुँ और डंका बज रहा है। बेशक आप राजनीति के धुरंधर और सरकार चलाने के चाणक्य साबित हुए हैं। जनता की पीड़ा को आप समझते हैं। जन कल्याण की भावना को भी फलीभूत किया है। आपके चारों ओर विकास के ढोल नगाड़े बज रहे हैं। प्रशंसकों की भरमार है। ऐसे में आपको अपने प्रशासन और मंत्रियों के नकारेपन की बात कहें भी तो या तो सुनाई नहीं देगी या अनसुनी हो जाएगी अथवा कड़वी लगेगी। पर यह सच है बीकानेर जिला कलक्टर न्यास अध्यक्ष के नकापन की पराकाष्ठता रानी बाजार का निर्माणाधीन अंडर ब्रिज है। यह अंडर ब्रिज 23 फरवरी 2023 तक बनकर चालू होना था। रेलवे ने अपने हिस्से का काम निर्धारित अवधि में पूरा कर दिया। जिला कलक्टर और न्यास अध्यक्ष इस प्लानिंग में पूरी तरह विफल रहे। यह मामला आरोप लगाने या आलोचना का नहीं है। सार्वजनिक हित के कामों में अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित करने की है। नगर निगम और न्यास के अधिशासी अभियंता इतने गैर जिम्मेदार निकले कलक्टर ने क्या कार्रवाई की? खुद कलक्टर कार्य योजना के प्रति जिम्मेदार है। संभागीय आयुक्त के आंखों के सामने यह अनदेखी हो रही है। संभागीय आयुक्त ने नोटिस क्यों नहीं लिया? मुख्यमंत्री क्या इन अफसरों को भी अपनी ड्यूटी का भान और गेरजिम्मेदारी का दंड नहीं मिलना चाहिए ? गहलोत सरकार में अफसर पोल में ढोल बजा रहे हैं। आप सुनकर खुश हो रहे हैं। रानी बाजार रेलवे क्रासिंग में अगर कहीं गैर जिम्मेदारी हुई तो कार्रवाई जरूर करना। इसी में आपके जिम्मेदार मुख्यमंत्री होने की साख है।