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बीकानेर। मुख्यमंत्री की महत्त्वकांक्षी चिरंजीवी बीमा योजना की आम-आदमी को नि:शुल्क इलाज मुहैया कराने की मंशा को निजी अस्पताल पलीता लगाने में लगे हैं। योजना में निजी अस्पतालों में इलाज शुरू होने का पता चलने पर लोग निजी अस्पतालों में पहुंचने लगे हैं।
शहर के कई अस्पताल ऐसे हैं जो योजना में शामिल होने के बावजूद पात्र मरीजों का उपचार नहीं कर रहे हैं। कैशलेस इलाज करने में आनाकानी कर रहे हैं। मरीजों से इलाज के रुपए मांगे जा रहे हैं। यह समस्या डेंगू के मरीज बढऩे के बाद ज्यादा सामने आ रही है। निजी अस्पताल गंभीर व चिरंजीवी योजना के योग्य मरीजों का इलाज करने से इनकार कर रहे हैं। जिले में सात निजी अस्पताल योजना से जुड़े हुए हैं।

रुपए जमा कराओ, तब होगा इलाज
शहर की एक निजी अस्पताल में मुस्कान पुत्री मोहम्मद आरिफ चिरंजीवी योजना में पात्र है। इसके बावजूद परिजनों से रुपए जमा करवाए गए हैं। परिजनों का कहना है कि मरीज को भर्ती कराते समय अस्पताल प्रशासन पहले रुपए जमा करवाता है। रुपए जमा कराने के बाद ही इलाज की प्रक्रिया शुरू होती है।

बहाने भी अजीब-अजीब
निजी अस्पताल मरीजों को चिरंजीवी योजना के तहत भर्ती करना ही नहीं चाहते। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि अस्पताल प्रबंधन का मानना है कि इलाज आज करना पड़ता है, पैसा कब मिलेगा कोई समय निर्धारित नहीं है। भामाशाह योजना में भी करोड़ों रुपए आज भी बकाया पड़े हैं। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन बैड खाली नहीं है। संंबंधित चिकित्सक नहीं है। ऐसे बहाने बनाकर मरीजों को टाल देते हैं जबकि रुपए जमा कराने वालों के लिए बैड भी उपलब्ध है और चिकित्सक भी।

योजना में साढ़े चार लाख तक का इलाज फ्री
प्रदेश के महत्त्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के ७५६ सरकारी और तकरीबन ३३९ निजी अस्पतालों को जोड़ा गया है। योजना में सामान्य मरीजों के लिए ५० हजार एवं गंभीर मरीजों के लिए ४.५० लाख नि:शुल्क उपचार किए जाने का प्रावधान है। पैकेज में मरीज के अस्पताल में भर्ती होने से पांच दिन पहले और डिस्चार्ज के १५ दिन बाद तक उस बीमारी से संबंधित उस अस्पताल में की गई जांचों, दवाइयां और डॉक्टर की फीस का खर्च भी शामिल है।

सरकार के आदेश हवा
योजना में शामिल होने के बावजूद कई अस्पताल मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं। भर्ती के बाद उनसे रुपए वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं विरोध करने पर मरीजों को डिस्चार्ज तक कर दिया जाता है। इस तरह की शिकायतें मिलने पर सरकार ने ऑपरेशन चिरंजीवी चलाया। ऑपरेशन में शिकायतें प्रमाणित होने पर गाइडलाइन जारी की। सरकार ने इलाज नहीं करने वाली निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इसके बावजूद निजी अस्पताल सरकार से जरा भी डर नहीं रहे।

यह अस्पताल है अधिकृत
– एमएन अस्पताल
– डीटीएम हॉस्पिटल
– जीवन रक्षा अस्पताल
– वरदान हॉस्पिटल
– श्रीराम हॉस्पिटल
– श्रीकृष्णा न्यूरो स्पाइन एंड मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल
– एएसजी आई हॉस्पिटल

करेंगे कार्रवाई
चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड निजी अस्पताल पात्र मरीजों का फ्री इलाज करने के लिए बाध्य है। ऐसा नहीं करने वाले अस्पतालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। किसी निजी अस्पताल ने पात्र व्यक्ति से रुपए लिए है या इलाज करने से मना किया है तो वह लिखित शिकायत करें, कार्रवाई जरूर होगी।
डॉ. ओपी चाहर, सीएमएचओ

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