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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कांग्रेस से गलतियां हुई  BJP ने नॉन इश्यू को इश्यू बनाकर धर्म के नाम पर चुनाव जीता। मैं समझता हूं कि कुछ गलतियां हमसे भी हुई हैं। पंजाब में कांग्रेस के अंदर आपस में ही जो आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे, उसे जनता ने स्वीकार नहीं किया। लोकल स्थितियों के अनुसार वोटिंग पैटर्न होता है। उसी रूप में पंजाब के हालात हमारे सामने हैं। हम वहां चुनाव जीत रहे थे। चीफ मिनिस्टर चन्नी ने अच्छे मैसेज दिए थे, पर माहौल ऐसा बन गया और आम आदमी पार्टी (AAP) का उदय हो गया। गहलोत कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से पहले दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

सीएम ने कहा- जिस प्रकार से मायावती ने खेल खेला है। ये देश उनसे उम्मीद नहीं करता था। अपनी पार्टी को खत्म करने की कीमत पर BJP को सपोर्ट कर दिया। नाम सपा का ले रही हैं। मायावती, सतीश मिश्रा ने बसपा कार्यकर्ताओं के साथ धोखा किया है। बर्बाद इन्होंने किया है। जानबूझकर सुसाइड किया है। मायावती की क्या मजूबरी है, यह तो शोध का विषय है। BSP के लाखों कार्यकर्ताओं पर क्या बीत रही होगी?
बसपा से ऐसा गठबंधन किया,आज तक खड़ी नहीं हो पाई पार्टी गहलोत ने कहा- हमारा सबसे बड़ा ब्लंडर UP में 30 साल पहले बसपा से गठबंधन का था। जब 91-92-93 के अंदर चुनाव हुए थे तो कांग्रेस ने BSP के साथ में अलायंस किया। जूनियर पार्टी बनी। सबसे बड़ी गलती कांग्रेस की उस वक्त हुई। बसपा को दो तिहाई सीट दी, एक तिहाई कांग्रेस ने रखी। दो तिहाई जगहों पर कांग्रेस साफ हो गई। आज तक खड़ी नहीं हो पा रही है। प्रियंका गांधी ने UP की सभी 403 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए, जबकि 30 साल से वहां कांग्रेस नहीं आ रही। प्रियंका गांधी का यह सही कदम था।देश आज कांग्रेस को लेकर चिंतित है
उन्होंने कहा- आज भी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस है, जिसकी चौकियां देश के हर गांव, हर घर में है। देश उम्मीद करता है कि कांग्रेस मजबूत होकर उभरकर आए। देश चिंतित भी है। आज लोगों का मानना है कि देश में कांग्रेस मजबूत होकर उभरकर आए। मुख्य विपक्षी दल आज है। कल सरकार में भी आएंगे, ये कॉन्फिडेंस है।

हम हार से घबराते नहीं हैं
गहलोत ने कहा- राजनीति में परिस्थिति बन जाती है, घबराना नहीं चाहिए। इसी BJP को संसद में 542 में 2 सीट मिली थी वो भी दिन हमने देखा है। हार-जीत होती रहती है। हम घबराते नहीं हैं। कांग्रेस का लंबा अनुभव है। कांग्रेस में कोई घबराने वाला नहीं है। यह कोई जीत है क्या? धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करके चुनाव जीते हैं। धर्म के नाम पर आप कुछ कर सकते हो। महानता उसमें है कि सबको साथ लेकर चलने की बात करें। नीतियों, मुद्दों की बात करके चुनाव जीतें। जो लोग ध्रुवीकरण करके राजनीति कर रहे हैं, देश को बर्बाद कर रहे हैं, उनकी हम चिंता करेंगे क्या? आखिर जीत सत्य की होगी और सत्य कांग्रेस के साथ में है।सरकार बनने नहीं बनने की राहुल ने कभी परवाह नहीं की
सीएम ने कहा- ये नई पीढ़ी को गुमराह कर रहे हैं। पूरा मीडिया इनके दबाव में है। मीडिया इनका साथ दे रही है। इसलिए आज नई पीढ़ी गुमराह हो रही है। बाकी सरकारें बनती हैं, नहीं बनती हैं, चलता रहता है। उसमें राहुल गांधी ने कभी परवाह नहीं की। आज अकेला व्यक्ति दमखम के साथ में मोदी सरकार का मुकाबला कर रहा है। मोदी को भी राहुल गांधी को टारगेट करके ही अपनी स्पीच शुरू करनी पड़ती है। उसका अंत करना पड़ता है। आप समझ सकते हो कि इसका क्या मतलब है? पीएम परिवारवाद की बात करते हैं। राहुल गांधी भी सवाल पूछते हैं कि कितने परिवारवाद वाले लोगों को बीजेपी में ले लिया, ये बीजेपी का कथनी व करनी में अंतर बताता है।

सुप्रीम कोर्ट भी मान चुका EVM में छेड़छाड़ हो सकती है
ईवीएम छेड़छाड़ के ममता बनर्जी के आरोपों पर गहलोत ने कहा कि उन्होंने सोच समझकर ही बात कही होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका के बाद ईवीएम के साथ वीपीपैट लगाने का प्रावधान किया। सुप्रीम कोर्ट ने यह तो माना कि ईवीएम में छेड़छाड़ हो सकती है, इसके बाद ही तो वीवीपैट लगाने का आदेश दिया था। वीवीपैट लगाने के बाद भी शिकायतें आ रही हैं तो सोचना चाहिए। दुनिया के कई देशों में ईवीएम की जगह बैलेट से चुनाव होने लगे हैं। देश में लोकतंत्र कैसे बचे, यह चुनाव आयोग को सोचना चाहिए। अब तो मुख्य निर्वाचन आयुक्त भी बीजेपी के दबाव में रहते हैं।

शशि थरूर ने कांग्रेस में बदलाव की मांग उठाई:शशि थरूर बोले- पार्टी को रिवाइव करने कुछ बदलाव होने चाहिए, कुछ साथियों ने दो साल पहले मांग उठाई थी

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