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बीकानेर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस की राजनीति में राजस्थान ही नहीं अपितु देश में रिंग मास्टर के रूप में जाना जाने लगा है वे जयपुर में मुख्यमंत्री निवास में बैठे पूरी राजनीति कर रहे हैं चाहे यूपी चुनाव हो, पंजाब चुनाव हो या उत्तराखंड चुनाव सारा काम गहलोत जयपुर में बैठकर कर रहे हैं राजस्थान की राजनीति भी चला रहे हैं और बड़ी सफाई से उन्होंने राजनीतिक नियुक्तियों का काम भी अपनी इच्छा के अनुरूप विधानसभा सत्र के बाद तक टाल दिया है।

ठंडे छीटे।

9 फरवरी से राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र प्रारंभ हो रहा है इससे पूर्व रविवार को जयपुर की एक 5 सितारा होटल में कांग्रेस विधायकों और समर्थक विधायकों का चिंतन शिविर प्रारंभ होगया 8 फरवरी की शाम तक यह शिविर चलेगा। कांग्रेस के कई विधायक मंत्री न बनाए जाने, मनपसंद के अफसर न लगाए जाने तथा अन्य कारणों से नाराज हैं सबको शिविर में 3 दिन में मुख्यमंत्रीगहलोत साथ रखकर सहज करेंगे ताकि उनके मन में कोई नाराजगी ना रहे इसके लिए किसको क्या वादा रहेगा लॉलीपॉप भी जाएगी यह सब उस विधायक और मुख्यमंत्री के बीच की बात है।

होटल से फ्लोर तक।

सत्र से पहले विधायकों की एकजुटता दिखाकर कांग्रेस भाजपा और जनता को संदेश देना चाह रही है कि कांग्रेसी एकजुट है इस शिविर में सत्र के दौरान उठने वाली बातों पर भी चर्चा रहेगी और कैसे फ्लोर मैनेजमेंट होगा यह भी सत्र के दौरान तय होगा कैसे विपक्ष की हवा निकाली जाएगी, कैसे योजनाओं को बताया जाएगा और कैसी रणनीति राज्यसभा चुनाव की रहेगी यह अभी इसी शिविर में तय होगा इसी संकल्प के साथ सभी विधायक एक साथ विधानसभा भी पहुंचेंगे।

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