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जयपुर दिल्ली में विधायकों के वेतन-भत्तों में इजाफा किया गया है। यहां विधायकों को वेतन भत्ते के रूप में अब 90 हजार रुपए मिलेंगे, लेकिन इस मामले में राजस्थान के विधायकों के ज्यादा ठाठ हैं। राजस्थान में विधायकों को प्रतिमाह वेतन और निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में एक लाख दस हजार रुपए प्रतिमाह मिल रहे हैं। यदि सभी तरह के भत्तों को जोड़ दिया जाए तो वर्तमान में राजस्थान में विधायकों को करीब 2 लाख 37 हजार 500 रुपए प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।

प्रदेश में वर्ष 2019 में आखिरी बार विधायकों का वेतन बढ़ाया गया था, जिसका सदन में किसी ने विरोध नहीं किया था। 2019 में विधायकों का वेतन 25 हजार से बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया था। निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भी बढ़ाया गया था। पहले विधायकों को निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में 50 हजार रुपए मिल रहे थे, जिसे बढ़ाकर 70 हजार रुपए कर दिए गए थे। इसके अलावा विधायकों को वर्तमान में किराया भत्ते के रूप में भी प्रतिमाह पचास हजार रुपए मिल रहे हैं। विधायकों से उनके आवास खाली करवा लिए थे और उन आवासों की जगह सरकार विधायकों के लिए फ्लेट बनवा रही है। फ्लेट अगले साल तक तैयार होने की आगे है। उम्मीद है। इसी तरह टेलीफोन भत्ता,फर्नीचर भत्ता और सहायक भत्ते के रूप में भी प्रदेश के विधायकों को अच्छा-खासा पैसा दिया जा रहा है। फर्नीचर भत्ता पांच साल में एक बार ही मिलता है। इस भत्ते के रूप में 80 हजार रुपए मिलते हैं। विधायकों को प्रतिवर्ष तीन लाख रुपए तक की यात्रा भी फ्री मिलती है।

तेलंगाना-यूपी सबसे आगे विधायकों को वेतन भत्ते दिए जाने के मामले में राजस्थान कई राज्यों से पंजाब, झारखंड, एमपी, छत्तीसगढ़, बिहार, प. बंगाल, तमिलनाडु कर्नाटक, सिक्किम, केरल, गुजरात, उड़िया, मेघालय जैसे राज्यों के मुकाबले राजस्थान के विधायकों को ज्यादा वेतन-भत्ते मिलते हैं। तेलंगाना, यूपी, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विधायकों के वेतन-भत्ते से ज्यादा है। राजस्थान से ज्यादा है।

स्वयं के मामले में निर्णय करना ठीक नहीं

नियम के तहत तो विधायकों का विधानसभा और सांसदों का संसद में वेतन भत्ते बढ़ाने का स्वयं ही निर्णय करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन सैद्धान्तिक व नैतिक रूप से स्वयं के मामले में स्वयं ही निर्णय करना ठीक नहीं है। इनके वेतन भत्ते बढ़ाने के लिए किसी सूचकांक को आधार नहीं बनाया जाता और न ही बढ़ाने के आधार का खुलासा किया जाता है। इन्हें कई तरह के भत्ते व टिकट भी मिलते हैं। इन्हें मिलने वाली सुविधाओं की भी गणना की जाए, तो वेतन भत्ते की राशि काफी अधिक होगी। इनके वेतन भत्ते बढ़ाने का निर्णय किसी कमेटी की सिफारिश पर किया जाए, जिसमें विषय विशेषज्ञ भी शामिल हों।

पीके शास्त्री, पूर्व सचिव, राजस्थान विधानसभा

 

 

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