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बीकानेर,जयपुर,पहली बार स्कूलों में तय होगी RTE सीट समाचार को लेकर संयुक्त अभिभावक संघ ने इसे अभिभावकों के लंबे और सतत संघर्ष की जीत बताया है। संघ का कहना है कि हाल ही में शिक्षा संकुल में आयोजित बैठक, जिसकी अध्यक्षता शासन सचिव शिक्षा कृष्ण कुणाल ने की, उसमें संयुक्त अभिभावक संघ को भी शामिल किया गया था। इस बैठक में संघ द्वारा आरटीई प्रवेश प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी एवं व्यावहारिक बनाने को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव रखे गए।

*संघ द्वारा प्रमुख सुझाव यह दिया गया था कि—* “जिन निजी स्कूलों में RTE के अंतर्गत जितनी सीटें उपलब्ध हों, लॉटरी भी उतनी ही सीटों के लिए निकाली जाए, जिससे अनावश्यक प्रतीक्षा, भ्रम और विवाद की स्थिति उत्पन्न न हो।”
शिक्षा विभाग द्वारा इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए आगामी सत्र 2026–27 की गाइडलाइंस में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए संयुक्त अभिभावक संघ शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त करता है।

हालांकि, संघ ने गहरी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान सत्र 2025–26 को लेकर शिक्षा विभाग पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। स्थिति यह है कि 44 हजार से अधिक चयनित विद्यार्थी आठ माह बीत जाने के बावजूद आज भी स्कूल में प्रवेश और पढ़ाई शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। यह न केवल शिक्षा व्यवस्था की विफलता को दर्शाता है, बल्कि हजारों बच्चों के भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड़ भी है।

*संयुक्त अभिभावक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा* कि सरकार और शिक्षा विभाग नए सत्रों की योजनाएं और बदलावों की घोषणाएं तो कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान सत्र के चयनित बच्चों की सुध लेना जरूरी नहीं समझा जा रहा। कई निजी स्कूलों द्वारा मनमानी की जा रही है, प्रवेश देने से इनकार किया जा रहा है और अभिभावक महीनों से शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

अभिषेक जैन बिट्टू ने यह भी कहा कि संघ द्वारा पूर्व में दिए गए सुझावों को मीडिया एवं विभाग द्वारा स्थान दिया गया है, इसके लिए संघ आभार व्यक्त करता है, लेकिन जब तक पेंडिंग दाखिलों का समाधान नहीं होता, तब तक किसी भी नई प्रक्रिया का लाभ ज़मीनी स्तर पर अभिभावकों और बच्चों को नहीं मिल पाएगा।

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने दो टूक कहा— *“RTE को लेकर बड़े-बड़े बदलावों की घोषणाएं तब तक खोखली हैं, जब तक सत्र 2025–26 के पेंडिंग दाखिलों से वंचित बच्चों को स्कूल की चौखट नसीब नहीं होती। सरकार और प्रशासन पहले अपने अधूरे वादों को पूरा करें, फिर नई व्यवस्था की बात करें। संयुक्त अभिभावक संघ सकारात्मक सुझाव देता रहा है और सुझावों को शामिल करने पर हम आभार व्यक्त करते हैं, लेकिन अब ज़मीनी स्तर पर तत्काल और ठोस क्रियान्वयन अनिवार्य है।”*

संयुक्त अभिभावक संघ ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही पेंडिंग दाखिलों की समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आगामी सत्र में भी अभिभावकों को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। यदि वर्तमान सत्र जैसा विवाद पुनः उत्पन्न हुआ, तो संघ अभिभावकों को साथ लेकर आंदोलनात्मक कदम उठाने को बाध्य होगा।

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