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बीकानेर,भ्रष्टाचार का रिकॉर्ड • नए एसपी की तैनाती होते ही आईजी भी हुए एक्टिव, एसीबी के साथ-साथ अब पुलिस जांच भी शुरू रियल स्टेट कारोबारी से 10 करोड़ की जमीन का विवाद, परिवादी की भूमिका भी जांची जाएगी कामरा की शिकायत की थी। जब उस पर कार्रवाई नहीं हुई तो कामरा और उसकी पत्नी ने अगस्त में जोधपुर हाई कोर्ट के वकील से नोटिस भिजवा दिया। नोटिस में एसपी पर में आरोप लगाया कि अपने भाई को जमीन दिलाने के लिए वह परिवादी पर दबाव बना रही है। बना रहा ह नोटिस चीफ सेक्रेटरी, गृह विभाग के सचिव पुलिस महानिदेशक और आईजी बीकानेर रेंज को भेजकर दो सप्ताह में जवाब मांगा था। नोटिस मिलने के बाद आईजी ने एसपी से बिंदुवार टिप्पणी मांग पर साइन कराने ली। इस प्रकरण में एसीबी ने 4,5 और 6 के लिए परिवादी अक्टूबर को शिकायत का सत्यापन कराया पर दबाव बनाने तो सही पाई गई। 8 अक्टूबर को जेएनवी वाले एसएचओ और तीन दलालों के विरुद्ध को लाइन हाजिर भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया। राज्य सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रति चंद्रा का ट्रांसफर जयपुर कर दिया। यह मामला प्रमुखता से उजागर होने के बाद आईजी के निर्देश पर जेएनवीसी एसएचओ अरविंद भारद्वाज को गुरुवार को लाइन हाजिर कर दिया गया। सगे भाई की जमीन को लेकर उठे विवाद में एसपी प्रीति चंद्रा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। राज्य सरकार ने उनका ट्रांसफर जयपुर कर दिया है।एसपी प्रांति चंद्रा मामले में इस्तीफे में अरविंद भारद्वाज कर दिया गया है। इसके साथ ही पुलिस के सटोरियों से कनेक्शन भी उजागर हुए हैं। SHO ने कहा- मैं ही कमलेश चंद्रा आपको दो टप्पे की बात बता रहा हूं, सारा लिखकर दोगे तो आपका काम हो जाएगा एसीबी ने डीवाईएसपी को सौंपी जांच एसपी के भाई कमलेश चंद्रा की सोसायटी के जमीन विवाद को लेकर भ्रष्टाचार के मुकदमे की जांच एसीबी ग्रामीण, जयपुर के डीवाईएसपी संजय कुमार को सौंपी गई है। संजय संभवतया दशहरे की छुट्टी के बाद मामले की छानबीन के लिए बीकानेर आएंगे। जानिए कैसे जुड़े हुए हैं पुलिस तंत्र से सटोरियों के तार : पुलिस अपने गैर कानूनी काम कराने के लिए सटोरियों और दलालों को मदद लेती है। डंडा और दबाव दोनों के जोर से किस हद तक किसी व्यक्ति को टॉचर किया जा सकता है, इसका जीता जागता नमूना है रियल एस्टेट कारोबारी निर्मल कामरा का मामला। एसपी के भाई कमलेश चंद्रा के लिए जमीन हथियानी थी। इस काम में दलाल विजय, भूपेंद्र शर्मा और सट्टे के मामले में लिप्त रहे सुखदेव चायल की मदद ली गई। पूरा शहर और पुलिस जानती है कि बीकानेर में आईपीएल मैच के दौरान करोड़ों रुपए सट्टा प्रतिदिन होता एसपी प्रीति चंद्रा ने पिछले महीने क्राइम मीटिंग लेकर कहा था कि यदि किसी के इलाके में सट्टे को शिकायत मिली तो एसएचओ पर कार्रवाई होगी। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि एसपी के भाई के लिए जमीन की डील में एक बड़ा सटोरिया दलाल की भूमिका निभा रहा था। एसीबी में दर्ज एफआईआर में इस बात का खुलासा होने के बाद पुलिस तंत्र की कार्यप्रणाली हो संदेह के घेरे में आ गई है।

आईजी प्रफुल्ल कुमार बीकानेर24×7न्यूज़ से बातचीत के अंश

Q. बीकानेर एसपी प्रीति चंद्रा के भाई के मामले की शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई?

A. परिवादी ने हाई कोर्ट से नोटिस भिजवाया था, जिस पर मैंने एसपी से बंदुवार टिप्पणी मांगी थी लेकिन उन्होंने नहीं भेजी। जांच अभी पेंडिंग है।

Q. 10 करोड़ के जमीन विवाद में पुलिस पर भी आरोप लगे हैं। आप भी जांच कराएंगे?

A. बात सही है। अब एसपी का ट्रांसफर हो गया है। नए एसपी आएंगे तो वे अपने तरीके से मामले को हैंडल करेंगे। परिवादी की भूमिका को भी देखेंगे।

Q. एसीबी में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। एक पुलिस इंस्पेक्टर की रिकॉर्डिंग है। किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया है क्या?

A. एफआईआर शाम को ही मिली है। जेएनवीसी एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया है। एसपी स्तर पर जांच होगी।

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