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बीकानेर,संसदीय क्षेत्र से चौथी बार अर्जुन राम मेघवाल की टिकट घोषणा के बाद से भाजपा जीत सुनिश्चित मानकर चल रही है। अर्जुन की जीत का ग्राफ टिकट घोषणा के बाद उच्चतर स्तर पर माना जाता रहा। कांग्रेस ने गोविंद राम को प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही संसदीय क्षेत्र में टक्कर की खुसर फुसर शुरू हो गई। वहीं गोविंद राम के लोक व्यवहार को लेकर उनकी आलोचना का बाजार गर्म हो गया। उनके गालियां निकलते के वीडियो चलने लगे। लोग प्रतिक्रिया देने लगे कि गोविंद राम की तुलना में अर्जुन राम का व्यवहार लाख अच्छा है। ये भी कहने लगे कि भले ही अर्जुन राम ने बीकानेर के विकास का कोई काम नहीं करवाया, परंतु लोगों से अभद्रता तो नहीं की। केंद्रीय मंत्री मेघवाल अपनी कामों के बतौर केंद्रीय योजनाओं में हुए काम गिना रहे हैं। खुद बीकानेर क्षेत्र, राजस्थान प्रदेश के विकास में क्या योगदान दिया नहीं बता पा रहे हैं। जल संसाधन मंत्री रहते हुए राजस्थान के हक का पानी दिलाने, नहर के विकास और रख रखाव के मुद्दे पर चुप रहे हैं। राजस्थानी भाषा को मान्यता, बीकानेर में केंद्रीय कृषि वि वि, मेगा फूड पार्क, ड्राई पोर्ट, गैस पाइप लाइन, हवाई सेवाओं का विस्तार, रेलवे बाईपास, कोटगेट रेलवे फाटक की समस्या का समाधान समेत कई मुद्दों पर सार्वजनिक मंच से जनता के समक्ष वादे किए थे। इसमें से कोई वादा पूरा नहीं हुआ। जनता में इससे छवि बन गई कि अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर का कोई काम नहीं करवा पाए। बीकानेर में टेक्सटाइल पार्क, सिरेमिक्स हब, नया औद्योगिक क्षेत्र, बड़ी औद्योगिक इकाई जैसे मुद्दे उन्होंने खुद उठाए थे। जनता में वाहवाही बटोरी और वोट लेकर सत्तासीन हो गए। अबकी बार भी यही पैटर्न है। अब तक अर्जुन राम के सामने कांग्रेस का कमजोर प्रत्याशी, मोदी का कवच और पार्टी और समर्थकों के बदौलत वे जीतते रहे हैं। इस बार इन समीकरणों में थोड़ा बदलाव है। कांग्रेस का प्रत्याशी कमजोर नहीं है। मोदी फैक्टर यथावत कायम है। अर्जुन राम का ग्लैमर कम हुआ है। स्थिति यह है कि उनके समर्थक और पार्टी के कुछ लोग भी कहने लगे हैं अर्जुन राम से क्या मतलब मोदी जी की सरकार बनानी है। इसका तात्पर्य यह भी है कि अर्जुन राम की व्यक्तिगत लोकप्रियता में कमी आई है। ,,,,,,,,,,,,,,,,,,
जनता के आईने में गोविंद राम : पूरे जिले में कांग्रेस के नेता प्रत्याशी गोविंद राम को लेकर एक मंच पर है। विधानसभा चुनावों में मात खाई कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने में लगी है। कांग्रेस नेताओं का विश्लेषण है कि अनूपगढ़ विधानसभा में कांग्रेस आगे रहेगी।खाजूवाला में गोविंद ने लोगों से नाराजगी दूर कर ली है। लूणकरणसर में विधानसभा में कांग्रेस के विद्रोही वीरेंद्र बेनीवाल वापस कांग्रेस में लौट आए हैं। वीरेंद्र और डा राजेंद्र मूड के वोट मिलाकर कांग्रेस लोकसभा में बढ़त का दावा है। श्रीडूंगरगढ़ विधानसभा में कांग्रेस के मंगला राम और माकपा के गिरधारी माहिया कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में एक मंच पर है। जो कांग्रेस प्रत्याशी को मजबूत बनाता है। नोखा में कांग्रेस विधायक है और जाटों का नाराज डूडी ग्रुप गोविंद के साथ लगा है। श्रीकोलायत में भंवर सिंह भाटी का कहना है कि विधानसभा में कांग्रेस को मिले वोट और आर एल पी के वोटों को मिलाकर लोकसभा में कांग्रेस बढ़त लेगी। बीकानेर शहर की दोनों सीटों पर मुस्लिम वोट और अजा जजा के वोटों पर कांग्रेस का परंपरागत दावा है। गोविंद मेघवाल मुखर नेता है उनके पास कार्यकर्ता और समर्थकों की टीम है। कांग्रेस पार्टी ऊपर से निचले स्तर के कार्यकर्ता पूरी तरह केंद्रीय मंत्री की इस सीट को चुनौती दे रहे हैं। कमजोरी यह है कि गोविंद की जनता में छवि अच्छी नहीं है। वही लोकसभा क्षेत्र की आठ विधान सभाओं में से कांग्रेस के खाते में दो ही सीटें है।
जनता के आईने में अर्जुन राम : अर्जुन राम की जनता में बहुत अच्छी छवि है। राजनीतिक जीवन साफ सुथरा है। देश और समाज में अच्छा करने की हमेशा से भावना अभिव्यक्त करते रहे हैं। व्यक्तिगत जीवन में आलोचना का कोई पक्ष नहीं है। भाजपा पार्टी और केंद्र सरकार में रहकर मेहनत से अच्छा काम किया है। आठ विधान सभा सीटों में से भाजपा के खाते में छह सीटें हैं। दूसरा पक्ष राजनीतिक दक्षता की कमी होने से पार्टी में और आम लोगों को साध नहीं पाए हैं। अपने खुद के संसदीय क्षेत्र में पार्टी और संगठन में अर्जुन राम की सर्व स्वीकार्यता नहीं है। खुद के कार्यकर्ता और समर्थकों की नितांत कमी है जो जुड़े हैं उनकी जनता में सार्वजनिक साख नहीं है। अर्जुन पर मतदाता में ऊहापोह भले ही हो बीकानेर संसदीय क्षेत्र में मोदी की लहर हावी । इतना होते हुए भी दोनों के बीच मुकाबले के आसार जरूर बनते जा रहे हैं।

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