बीकानेर,शहर में मुख्य सड़क मार्गों पर नालों और सीवर लाइन के चैम्बरों की कोई सुध नहीं ले रहा। बारिश का मौसम है, ऐसे में खुले और क्षतिगस्त चैम्बर,ढक्कर और जालियां किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
कई जगह मैन हॉल पर रखे पत्थर और जालियों का लेवल सड़क से ऊपर है तो कहीं सड़क से नीचे होने से आवागमन में बाधक बने हुए है। बारिश का पानी भरने पर इनका पता नहीं लगेगा और दुर्घटना हो सकती है। सोनगिरी वेल निवासी चौरू लाल सुथार ने शहर के ऐसे कई स्थानों की जानकारी फोटो सहित संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन को दी। उन्होंने अवगत कराया कि इस बारे में नगर निगम प्रशासन को कई बार लिखित जानकारी दे चुके है। इसके बावजूद इन्हें दुरुस्त नहीं कराया गया है।
कुचीलपुरा चौराहे से मुख्य डाकघर रोड़ पर नाले के ऊपर रखे लोहे की जालीनुमा ढक्कन।
कोटगेट के अंदर बाएं दरवाजे के आगे नाले पर रखे सीमेंट के कवर सही नहीं है।
कोटगेट के बाहर लभुजी कटला के आगे के नाले पर चैंबर टूटे पड़े है।
सार्दुल स्कूल के पास नाले पर ढक्कन खुला छोड़ रखा है।
जस्सूसर गेट के अंदर बीके.स्कूल के सामने नाले का कवर टूटा पड़ा है।
कोठारी हॉस्पिटल मार्ग पर बरसलपुर हाउस के पास नालियों पर लगे लोहे के पतरेटूटे है।
एमएम स्कूल के पास नालियों पर लगे लोहे के पतरे उखड़ चुके है।
वार्ड 72 गणगौर भवन के कोने पर चौराहा टूट चुका है।
वार्ड 72 के मुख्य मार्ग पर बनी नाली के पतरे टूटे पड़े है।
दाऊजी मंदिर के कोने पर नाले पर लगी जाली क्षतिग्रस्त है।