बीकानेर ,केंद्रीय संयुक्त संगर्ष समिति बीकानेर के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा रक्षा मंत्रालय के तहत 220 वर्ष पुराने भारतीय कारखाने को सात निगमो मे विभाजित करके उनका निजीकरण करने के राष्ट्रीय विरोधी निर्णय करने के खिलाफ नागरिक प्रतिरक्षा कर्मचारियों के सभी पांच फेडरेशन आन्दोलनकरत है । उन्होंने राष्ट्रीय हित मे सरकार के फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा/प्रतिरक्षा तैयारी ओर 76000 कर्मचारियों के सेवा काल के हित मे वापिस लेने की मांग करते हुए 26.7.21 से शरू होने वाली अनिश्चित कालीन हड़ताल पर आगे बढ़ने का फैसला किया था . सरकार ने आयुध कारखाने को सरकारी क्षेत्र मे ही जारी रखने के लिए फेडरेशन द्वारा दिया गया वैकल्पिक /मजबूत प्रस्ताव की अनदेखी की है और दिनांक 15/6/21 को 3 प्रमुख मान्यता प्राप्त फेडरेशन की अनुपस्थिति में सुलह की कार्यवाही को बंद करने के लिए प्रमुख श्रम आयुक्त (केंद्रीय ) पर दबाव डाला और आगे बढ़ते हुए दिनांक 16.6.21 को आयुक्त कारखानो को 07 टुकड़ो को बांटने का कर्मचारी विरोधी निर्णय लिया गया है । सी एल सी द्वारा सरकार को विफलता रिपोट सौपते हुए अब 02 सप्ताह का समय हो चुका है। लेकिन सरकार ने फेडरेशन के द्वारा उठाये गए विवादों को न्याय-निर्णय के लिए संदर्भित करने की भी जहमत नही उठाई है।
केंद्र सरकार ने 41 सुरक्षा उत्पाद बनाने वाली फैक्ट्री बंद करने की उनकी 07 कंपनी बनाने वह कर्मचारियों की हड़ताल पर पाबंदी लगाने वाला अध्यादेश जारी किया है इन फैक्ट्रीज के निजीकरण का विरोध करते हुए सभी सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने आज देशव्यापी विरोध दिवस आयोजित किया है ओर महामहिम राष्ट्रपति मोहदय को जिला प्रशासन के द्वारा ज्ञापन भेजे गए।
उसी के अंतर्गत स्थानीय कार्यक्रम इस प्रकार है ।
इस सभी काले कानूनों के खिलाफ आज 23 जुलाई 2021 को बीकानेर में भी सभी श्रम संगठनों के साथियो ने भाग लिया जिसमे एमईएस, से अब्दुल रउफ ,रोडवेज से विक्रम सिंह, श्यामदीन ,गिरधारी लाल, सीटू से मूलचंद खत्री, होटल यूनियन से भंवर सिंह, गोपाल,रसायन शाला से शिवलाल भदानी, द्वारका प्रशाद, बीएसएनएल से मोहम्मद हुसैन , एटक से अब्दुल रहमान कोहरी , प्रसुन कुमार, इंटक से अशोक पुरोहित, महेंद्र देवडा, कर्मचारी महासंघ से अविनाश व्यास ,नोजवान सभा से सरजू गहलोत, एवं रेलवे से अनिल व्यास, ब्रजेश ओझा, मोहम्मद सलीम क़ुरैशी,विजय श्रीमाली पवन कुमार बीकानेरी, नवीन, फ़िरोज़ खान, अमरनाथ सेवग, लालचंद इनखिया आदि बहुत से साथी मौजूद रहे।