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जयपुर,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियों काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक, अधिकारी व आमजन से संवाद किया.इसमें लम्पी स्किन डिजीज से गौवंश को बचाने के लिए जिलों में जागरूकता अभियान, रोग की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों, पशुपालकों द्वारा पशुओं के उपचार में अपनाई जा रही पद्धति के बारे में चर्चा की गई. साथ ही, प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और प्रभावितों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर भी चर्चा की गई.

बैठक में से प्रदेश में आयोजित हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल की तैयारियों और सफल आयोजन को लेकर भी सुझावों का आदान-प्रदान हुआ. गहलोत ने लम्पी डिजीज के नियंत्रण एवं रोकथाम व बाढ़ राहत कार्य में राज्य सरकार  का सहयोग करने की अपील की है.

गहलोत ने कहा कि कोरोना काल में जिस मजबूती और संकल्प के साथ सभी ने बीमारी का मुकाबला किया उसी तरह लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम के लिए भी हम एकजुटता से कार्य कर रहे हैं. हमारी जिम्मेदारी है कि इस संकट की घड़ी में सबको साथ लेकर चलें. गौवंश में फैली इस बीमारी से निपटने के लिए हमें सभी भेद-भाव व मतभेद से ऊपर उठकर काम करना होगा. राज्य सरकार, जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गौशाला संचालक व जनसहभागिता से यह बीमारी अब घट रही है.मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी स्किन रोगी मृत पशुओं का निस्तारण वैज्ञानिक तरीके से हो रहा है, जिससे संक्रमण पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी. सभी जिलाें में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं. साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी स्किन डिजीज को राष्ट्रीय आपदा घोषित कराने के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा गया है. उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पाॅक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है. केन्द्रीय मंत्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी. सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है.

कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि गौवंश को बचाना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 8 लाख गौवंश संक्रमित हुए हैं, जिनमें से 7.40 लाख का उपचार हुआ है व लगभग 4.30 लाख पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. पश्चिमी राजस्थान (Rajasthan) में संक्रमण की दर तेजी से घट रही है.गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि यह महामारी (Epidemic) देश के 16 राज्यों में फैल गई है. राज्य सरकार (State government) भी इस बीमारी को लेकर काफी चिंतित है. आरसीडीएफ द्वारा अब तक 6 लाख गोट पाॅक्स के टीके वितरित किए जा चुके हैं.

वीसी द्वारा जुड़े नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया व विधायक सतीश पूनियां ने लम्पी बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. वैक्सीनेशन व मृत पशुओं के डिस्पोजल संबंधी सुझाव देते हुए उन्होंने राज्य सरकार (State government) को पूर्ण सहयोग का भी आश्वासन दिया.

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) डेयरी फेडरेशन द्वारा 21 लाख गोट पाॅक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश दिए हैं. अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर 200 पशु चिकित्सकों एवं 300 पशुधन सहायकों की भर्ती प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान और बाढ़ प्रभावितों के लिए आवश्यक व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. बाढ़ से प्रभावित 6 जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया है. क्षेत्र में जल निकासी और बेघर हुए लोगों के लिए अस्थाई आवास व्यवस्था, भोजन और अन्य सुविधाएं निरंतर मुहैया कराई जा रही है.आपदा प्रबंधन मंत्री गोविन्द राम मेघवाल ने कहा कि प्रदेशभर में औसत से लगभग 35 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई है. राणा प्रताप सागर, माही बांध व बीसलपुर बांध लबालब हो गए हैं. कोटा (kota), झालावाड़, बूंदी, करौली (Karauli) , धौलपुर (Dholpur) व बारां में उत्पन्न बाढ़ की परिस्थितियों का सामना करने के लिए आपदा विभाग ने 22 करोड़ रूपए जारी किए. लगभग 43 हजार बाढ़ प्रभावित लोगों को 163 राहत शिविरों में भेजने के साथ ही लगभग 15 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया.

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि सोमवार (Monday) से राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शुरू हो रहे राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों द्वारा प्रदेश में आपसी प्रेम, भाईचारा, सद्भावना व सहयोग का माहौल बनेगा. इन खेलों में 30 लाख से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे, जिसके लिए 2.25 लाख से अधिक टीमों को गठन किया गया है.

वीसी में सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों की स्थिति मुख्यमंत्री (Chief Minister) के समक्ष रखी.

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