Trending Now




बीकानेर,स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस व गांव पेमासर को गोद लेने के उपलक्ष्य में गुरुवार को समारोह का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय परिसर स्थित विद्या मंडप सभागार में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सतीश कुमार गर्ग, अति विशिष्ट अतिथि जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि, विशिष्ट अतिथि चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान जयपुर के पूर्व निदेशक डॉ रमेश मित्तल थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ अरुण कुमार ने की। कार्यक्रम में राजुवास के पूर्व कुलपति डॉ ए.के. गहलोत, कुलसचिव डॉ देवाराम सैनी, वित्त नियंत्रक श्री राजेन्द्र कुमार खत्री, समेत विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, कृषि वैज्ञानिक समेत केवीके, कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों , पेमासर गांव से आए बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।

इस अवसर पर किसान ट्रस्ट नई दिल्ली द्वारा दिए जाने वाले चौधरी चरण सिंह स्मृति पुरस्कार से कृषि ऑनर्स विषय के वर्ष 2022-23 के टॉपर श्री अंकुश कुमार और दूसरे स्थान पर रही सुश्री खुशी सैनी को सम्मानित किया गया। साथ ही डीपीएमई द्वारा तैयार पुस्तक ”रोडमैप टू अचीव यूनिवर्सिटी विजन” का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व कृषि अनुसंधान केन्द्र, खजूर अनुसंधान केन्द्र, प्रसार शिक्षा निदेशालय और कृषि महाविद्यालय बीकानेर की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया। जिसका अवलोकन अतिथियों ने कर विभिन्न कृषि उत्पादों व उनके वैल्यू एडिशन कार्यों की प्रशंसा की।

समारोह में मुख्य अतिथि राजुवास कुलपति डॉ सतीश कुमार गर्ग ने कहा कि राजस्थान में पिछले 37 सालों से इस कृषि विश्वविद्यालय का कृषि उत्पादन बढ़ाने में बहुत बड़ा योगदान रहा है। सरसों, बाजरा समेत कई फसलों के उत्पादन में राजस्थान पूरे भारत में नंबर वन पर है। कृषि विश्वविद्यालय से गांव के लोग जुड़ेंगे तो उन्हें बड़ा फायदा होगा। पेमासर गांव को गोद लेने को लेकर कहा कि इस गांव को पशुपालन से संबंधित कोई आवश्यकता होगी तो राजुवास इसमें सदैव सहयोग करेगा। उन्होने बताया कि जल्द ही राजुवास पशु आहार का उत्पादन भी करेगा।

जिला कलेक्टर श्रीमती नम्रता वृष्णि ने कहा कि जब भी मैं कृषि विश्वविद्यालय आती हूं तो मुझे यहां बहुत अच्छी फीलिंग आती है। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय के द्वारा गोद लिए गांव पेमासर के विकास में जिला प्रशासन भी पूरा सहयोग करेगा। विशिष्ट अतिथि चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान जयपुर के पूर्व निदेशक डॉ रमेश मित्तल ने कृषि विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति डॉ के.एन.नाग स्मृति व्याख्यान प्रस्तुत किया। साथ ही बताया कि अब आईआईटी व आईआईएम के स्टूडेंट्स भी कृषि से संबंधित स्टार्टअप ला रहे हैं। युवा वर्ग कृषि को कृषि कार्यों के साथ साथ कृषि व्यवसाय व कृषि विपणन के रूप में देखें।

इससे पूर्व राजुवास के पूर्व कुलपति डॉ ए.के.गहलोत ने कहा कि राजुवास व कृषि विश्वविद्यालय दोनों मिलकर कार्य करेंगे तो किसानों को ज्यादा फायदा होगा। कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय पिछले 37 वर्षों से किसानों के हित में कार्य कर रहा है। आगे भी हम किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाने का पूरा प्रयास करेंगे। साथ ही कहा कि गोद लिए गए गांव पेमासर को जिला प्रशासन व राजुवास के सहयोग से आदर्श गांव बनाएंगे।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के आगे द्वीप प्रज्वलन से हुई। अतिथियों का साफा पहनाकर स्वागत किया गया। स्वागत भाषण कुलसचिव डॉ देवा राम सैनी ने देते हुए कृषि विश्वविद्यालय की पिछले 37 सालों की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। अनुसंधान निदेशक पी.एस.शेखावत, आईएबीएम निदेशक डॉ आई.पी.सिंह, कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव और अतिरिक्त निदेशक प्रसार डॉ राजेश कुमार वर्मा ने पेमासर गांव में किए जाने वाले कार्यों के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। पेमासर गांव से आए अर्जुन और अन्य महिलाओं ने गांव की समस्याओं के बारे में बताया। कृषि महाविद्यालय बीकानेर के अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन आईएबीएम की सहायक आचार्य डॉ अदिति माथुर व सामुदायिक वि्ज्ञान महाविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ मंजू राठौड़ ने किया। कार्यक्रम के आखिर में सांस्कृतिक प्रस्तुति ने समां बांध दिया।

900 पौधों का किया रोपण

कृषि विश्वविद्यालय के 38वें स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित आवासीय छात्रावासों के सामने, मंदिर परिसर, सड़क के बीच में डिवाइडर पर कुल 900 पौधों का रोपण किया गया। सुबह करीब साढ़े सात बजे पौधरोपण की शुरुआत चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान जयपुर के पूर्व निदेशक डॉ रमेश मित्तल, कुलपति डॉ अरूण कुमार, कुलसचिव डॉ देवा राम सैनी, छात्र कल्याण निदेशक डॉ वीर सिंह, भू-सदृश्यता एवं राजस्व सृजन निदेशक डॉ दाताराम, कृषि महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ पी.के.यादव, डॉ एन.एस.दहिया, डॉ नीना सरीन, इंजी. जे.के.गौड़, सह आचार्य डॉ वी.एस.आचार्य, डॉ वाई.के.सिंह ने की। उसके बाद स्टूडेंट्स और एनसीसी कैडेट्स ने वृहद स्तर पर पौधरोपण किया।

Author